लोकसभा का आठवां सत्र आज निर्धारित समय से दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। बजट सत्र के शेष रह गए कामकाज को पूरा करने के लिए 25 अप्रैल से नया सत्र शुरू हुआ था जिसमें सामान्य और रेल बजट को पारित किया गया।
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नयी दिल्ली: लोकसभा का आठवां सत्र आज निर्धारित समय से दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। बजट सत्र के शेष रह गए कामकाज को पूरा करने के लिए 25 अप्रैल से नया सत्र शुरू हुआ था जिसमें सामान्य और रेल बजट को पारित किया गया।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने निचले सदन में तीन सप्ताह बिना रूकावट के कामकाज चलाने के लिए पूरे सदन के प्रति आभार व्यक्त किया।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मुझे इस बात की खुशी है कि पिछले कुछ समय में यह पहला सत्र है जब व्यवधान के कारण एक भी दिन बैठक स्थगित नहीं करनी पड़ी और सदन ने 14 घंटे अतिरिक्त काम किया। ’’ उन्होंने कहा कि 16वीं लोकसभा के आठवें सत्र की शुरूआत 25 अप्रैल को हुई। पूरे बजट सत्र के दौरान कुल 39 बैठकें हुईं और 92 घंटे 21 मिनट कार्यवाही चली।
सातवें सत्र के दौरान 26 फरवरी को रेल बजट पेश किया गया था। 29 फरवरी को सामान्य बजट पेश किया गया था। इसके साथ ही वित्त विधेयक भी पेश किया गया।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान विभिन्न मंत्रालयों के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा की गई और कई मंत्रालयों की अनुदान की मांगों को एकसाथ मंजूरी दी गई। पूर्वोत्तर राज्य के मामलों के मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय आदि की अनुदान की मांगों पर चर्चा की गई और 3 मई को इन्हें पारित किया गया।
उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक पर 4.5 मई को चर्चा हुयी और सात घंटे तीन मिनट की चर्चा के बाद इन्हें पारित किया गया। इस तरह से केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्ताव की प्रक्रिया को पूरा किया गया। अध्यक्ष ने कहा कि सदन में नौ मई को उत्तराखंड का बजट पेश किया गया और इसे अध्यादेश के रूप में मंजूरी दी गई।
सत्र के दौरान चार सरकारी विधेयक पेश किये गए और 10 विधेयक पारित हुए। इसमें प्रमुख विधेयकों में क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र संबंधी विधेयक, वनीकरण से जुड़ा विधेयक, विमानन अपहरण निवारक विधेयक आदि शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव के तहत अगस्तावेस्लैंड विषय पर सदस्यों ने अपनी बात रखी और मंत्री ने स्पष्टीकरण दिया। इसके अलावा आज सूखे और पेयजल संकट से उत्पन्न स्थिति एवं नदियों को जोड़ने के विषय पर चर्चा पूरी हुई और मंत्रियों ने स्थिति भी स्पष्ट की।