महाकाल मंदिर में टूटा अब तक का रिकॉर्ड, 9 महीने में चढ़े 12 करोड़, नहीं दिखा नोटबंदी का असर
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महाकाल मंदिर में टूटा अब तक का रिकॉर्ड, 9 महीने में चढ़े 12 करोड़, नहीं दिखा नोटबंदी का असर

देश में नोटबंदी लागू होने के बावजूद ज्योतिर्लिंग महाकाल के दान में कोई कमी नहीं आई.

महाकाल के दरबार में प्रतिदिन हजारों दर्शनार्थी आते हैं और श्रद्धा से दानपेटियों में नकद राशि भी चढ़ा कर जाते हैं (फाइल फोटो)

उज्जैन: महाकाल मंदिर समिति ने नोटबंदी के बाद मिले दान का ब्यौरा पेश किया है. आंकड़े देखकर लगता है कि महाकाल मंदिर ने दान मिलने का अपना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. महाकाल मंदिर में नोटबंदी का असर कहीं नजर नहीं आया. दरअसल तिरुपति बालाजी और शिरडी के मंदिरों में नोटबंदी के बाद आय घटी है जबकि महाकाल मंदिर में नोटबंदी के बाद दान में जमकर इजाफा हुआ है. ये दान पिछले 9 महीनों में 11 करोड़ 96 लाख रुपए से अधिक का बताया जा रहा है.

  1. नोटबंदी लागू होने के बावजूद ज्योतिर्लिंग महाकाल के दान में कोई कमी नहीं आई.
  2. महाकाल मंदिर समिति ने नोटबंदी के बाद मिले दान का ब्यौरा पेश किया है.
  3. मंदिर में 9 माह में 11 करोड़ 96 लाख रुपये का दान आया है.

महाकाल के चरणों में लोगों ने 9 महीने में चढ़ाए 12 करोड़!
देश में नोटबंदी लागू होने के बावजूद ज्योतिर्लिंग महाकाल के दान में कोई कमी नहीं आई. मंदिर में 9 माह में 11 करोड़ 96 लाख रुपये का दान आया है. महाकाल के दरबार में प्रतिदिन हजारों दर्शनार्थी आते हैं और श्रद्धा से दानपेटियों में नकद राशि भी चढ़ा कर जाते हैं. इसके अलावा मंदिर में चेक एवं ऑनलाइन भुगतान से भी दान आता है. महाकाल मंदिर समिति द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक एक अप्रैल से 31 दिसंबर 2017 तक नौ माह में मंदिर में कुल 11 करोड़ 96 लाख 78 हजार 397 रुपए दान आया. इसमें हाल ही में एनएचडीसी द्वारा दान दिए तीन करोड़ 92 लाख रुपये भी शामिल हैं.

महाकाल मंदिर पर नहीं पड़ा नोटबंदी का असर
ये आंकड़े सामने आने के बाद मंदिर के अधिकारियों ने माना है कि नोटबंदी के बाद भी महाकाल मंदिर में नकद दान में कोई कमी नहीं आई. महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर संकेत भोंडवे ने बताया कि नोटबंदी के बाद यह माना जा रहा था कि लोग नकद दान कम करेंगे. लेकिन हाल ही में जब दान का हिसाब-किताब किया गया तो यह स्पष्ट हुआ कि दान की राशि में कमी नहीं बल्कि नोटबंदी के पहले या पिछले कुछ सालों के आंकड़ों से तुलना करें तो काफी वृद्धि हुई है.

कब कितना दान आया, कैसे वृद्धि
- 1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक दानपेटी, चेक एवं ऑनलाइन प्रक्रिया से 7 करोड़ 30 लाख 30 हजार 82 रुपए
- 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 16 तक आठ करोड़ 27 लाख 34 हजार 973 रुपए 
- 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 17 तक 13 करोड़ 39 लाख 15 हजार 223 रुपए 
- 1 अप्रैल 2017 से 31 दिसंबर 2017 तक नौ माह में 11 करोड़ 96 लाख 78 हजार 397 रुपए का दान आया

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