पूर्वोत्तर में जीत से गदगद भाजपा पूरे देश में मनाएगी 'विजय दिवस'
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पूर्वोत्तर में जीत से गदगद भाजपा पूरे देश में मनाएगी 'विजय दिवस'

त्रिपुरा में भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 1.5 फीसदी वोट मिले थे और 50 में 49 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. जबकि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 43 फीसदी वोट मिले हैं.

नई दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अमित शाह. (IANS/3 March, 2018)

नई दिल्ली: त्रिपुरा में भारी बहुमत और नागालैंड, मेघालय में सरकार बनाने की ओर अग्रसर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रविवार (4 मार्च) को पूरे देश में विजय दिवस मनाएगी. भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में वाम दलों का किला ध्वस्त करते हुए शनिवार को आए तीन विधानसभा चुनावों के परिणामों में पूर्वोत्तर में अपना विजय अभियान जारी रखा. त्रिपुरा में भाजपा को अजेय बहुमत मिलने के बाद सरकार बनना तय है, जबकि नगालैंड में भाजपा गठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में अग्रसर है. 

  1. भाजपा गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली.
  2. इस गठबंधन ने सभी सुरक्षित 20 जनजातीय विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है.
  3. भाजपा की झोली में 35 सीटें आयीं, जबकि आईपीएफटी आठ सीटों पर कामयाब रही.

वहीं, मेघालय में भी भाजपा गैर-कांग्रेसी दलों को साथ लेकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. भाजपा संसदीय बोर्ड की शनिवार (3 मार्च) शाम में हुई बैठक में यह विश्वास जताया गया कि पार्टी नगालैंड और मेघालय में भी सरकार बनाएगी. भाजपा ने दावा किया कि उसे दोनों राज्यों में सहयोगियों के साथ पूर्ण बहुमत है. शनिवार (3 मार्च) को मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि अब उनका लक्ष्य कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सत्ता हासिल करना होना चाहिए. 

त्रिपुरा में भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली. भाजपा की झोली में 35 सीटें आयीं, जबकि आईपीएफटी आठ सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही. इस गठबंधन ने प्रदेश की सभी सुरक्षित 20 जनजातीय विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. त्रिपुरा में भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 1.5 फीसदी वोट मिले थे और 50 में 49 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. जबकि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 43 फीसदी वोट मिले हैं.

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वहीं, वाम मोर्चे को 2013 के चुनाव में कुल 50 सीटें मिली थीं और इसबार उसे सिर्फ 16 सीटों से संतोष करना पड़ा है. माकपा और भाकपा गठबंधन को 44 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग छह फीसदी कम है. माकपा को अकेले 42.7 फीसदी वोट मिले हैं.

मुख्यमंत्री माणिक सरकार धनपुर सीट पर विजयी हुए हैं. वह पिछले 20 साल से प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में 10 विधानसभा क्षेत्र में जीत मिली थी, लेकिन इस बार पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई. प्रदेश के 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों पर 18 फरवरी को मतदान हुए थे. जनजातीय सुरक्षित सीट चारीलम में 12 मार्च को मतदान होगा. यहां माकपा उम्मीदवार नारायण देबबर्मा का निधन हो जाने से मतदान नहीं हो पाया था.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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