मनमोहन सिंह की सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने 'भगवा आतंक' शब्द का प्रयोग किया था, जिसका RSS ने जोरदार विरोध किया था. उस वक्त प्रणब मुखर्जी भी सरकार में शामिल थे, लेकिन उन्होंने इस पर आपत्ति नहीं की थी.
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नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में शिरकत करने को लेकर सलाह दी है. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के सरसंघ संचालक मोहन भागवत 7 जून को एक ही मंच पर दिखेंगे. राष्ट्रपति बनने से पहले कांग्रेस की पिछली सरकारों में वित्त, रक्षा जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके प्रणब मुखर्जी लगातार बीजेपी और आरएसएस पर हमलावर रहे. ऐसे में उनका आरएसएस के कार्यक्रम में मेहमान बनने की खबर लोगों का ध्यान खींच रही है. खबरों के मुताबिक आरएसएस की ओर से प्रणब मुखर्जी को कार्यक्रम में आने का न्योता भेजा गया था, जिसे उन्होंन स्वीकार लिया है.
वैसे तो इस खबर के बाद से ही कांग्रेस नेेताओं में हड़कंप मचा हुआ है. सबसे पहले कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा था कि प्रणब मुखर्जी संघ की कई बार आलोचना कर चुके है. लगता है कि संघ अब अपने में सुधार करना चाहती है इसीलिए उन्होंने प्रणब दा को बुलाया है. बुधवार को इस मामले पर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, 'अब जब पूर्व राष्ट्रपति ने संघ का न्योता स्वीकार ही कर लिया है तो इस पर बहस का प्रश्न ही नहीं उठाता है कि उन्होंने यह न्योता क्यों स्वीकार किया? सबसे जरूरी बात यह है, सर आपने न्योता स्वीकार किया है, प्लीज वहां जाएं और उन्हें बताएं कि उनकी विचारधारा में क्या खामियां है'
Now that he has accepted invitation there is no point debating why he accepted it. More important thing to say is, sir you have accepted invitation, please go there & tell them what is wrong with their ideology: P Chidambaram on Pranab Mukherjee accepting invitation for RSS event pic.twitter.com/vSDmP88ted
— ANI (@ANI) May 30, 2018
गौरतलब है कि 7 जून को नागपुर में तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग कार्यक्रम होगा. इसमें प्रणब मुखर्जी के पहुंचने की पूरी संभावना है. यह कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग स्थित संघ मुख्यालय पर होगा. अगर प्रणब मुखर्जी RSS के इस कार्यक्रम में पहुंचते हैं तो वह 800 स्वंयसेवकों को संबोधित करेंगे. जिस वक्त प्रणब मुखर्जी मंच मौजूद होंगे, उस दौरान मोहन भागवत भी वहां रहेंगे.
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मालूम हो कि मनमोहन सिंह की सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने 'भगवा आतंक' शब्द का प्रयोग किया था, जिसका RSS ने जोरदार विरोध किया था. उस वक्त प्रणब मुखर्जी भी सरकार में शामिल थे, लेकिन उन्होंने इस पर आपत्ति नहीं की थी.
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इसके अलावा प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति रहते हुए मौजूदा बीजेपी सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनके काफी अच्छे रिश्ते रहे. पीएम मोदी कई सार्वजनिक मंचों से प्रणब मुखर्जी की तारीफ कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी बड़े नेता आरएसएस के प्रति आक्रामक रुख अपनाए रहते हैं.