देश के इस हिस्से में मिला लिथियम का भंडार, चीन का रुतबा होगा खत्म; बदलेगी भारत की तकदीर
Advertisement
trendingNow11688086

देश के इस हिस्से में मिला लिथियम का भंडार, चीन का रुतबा होगा खत्म; बदलेगी भारत की तकदीर

मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई और खनन अधिकारियों का दावा है कि यहां मिले लिथियम भंडार की क्षमता हाल ही में जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार से अधिक है. लिथियम के लिए अभी तक भारत चीन पर निर्भर है. 

 

देश के इस हिस्से में मिला लिथियम का भंडार, चीन का रुतबा होगा खत्म; बदलेगी भारत की तकदीर

Lithium Reserves Found In Rajasthan: राजस्थान के मरुधरा के गर्भ में बेशकीमती खनिज लिथियम के भंडार का पता चला है. नागौर के डेगाना में लिथियम के इस भंडार का पता चला है. यहां इतना लिथियम है कि भारत की कुल मांग का 80 फीसदी यहीं से पूरा किया जा सकता है. इससे खाड़ी देशों की तरह राजस्थान की अर्थव्यवस्था में भी नया बूस्ट आएगा.

 मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई और खनन अधिकारियों का दावा है कि यहां मिले लिथियम भंडार की क्षमता हाल ही में जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार से अधिक है. लिथियम के लिए अभी तक भारत चीन पर निर्भर है. अब माना जा रहा है कि चीन का एकाधिकार खत्म होगा और लिथियम एक अलौह धातु है, जिसका उपयोग मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है. अभी तक हम लिथियम की महंगी विदेशी आपूर्ति पर निर्भर है. 

मंत्री भाता ने बताया कि  लिथियम के भंडार डेगाना और उसके आसपास के क्षेत्र की उसी रेनवेट पहाड़ी में पाए गए हैं, जहां से कभी टंगस्टन खनिज की आपूर्ति देश में की जाती थी. दरअसल अंग्रेजों ने डेगाना में रेनवाट की पहाड़ी पर वर्ष 1914 में टंगस्टन खनिज की खोज की. आजादी से पहले, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान यहां उत्पादित टंगस्टन का उपयोग ब्रिटिश सेना के लिए युद्ध सामग्री बनाने के लिए किया जाता था. आजादी के बाद देश में ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्जिकल उपकरण बनाने के क्षेत्र में भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा. 

मंत्री ने कहा कि अब इस पहाड़ी से निकलने वाला लिथियम राजस्थान और देश का भाग्य बदलेगा. लिथियम दुनिया की सबसे हल्की धातु है, जिसकी जरूरत बैटरी से चलने वाले हर उपकरण को होती है. लिथियम दुनिया की सबसे नर्म और हल्की धातु भी है. लिथियम आज घर में हर चार्जेबल इलेक्ट्रॉनिक और बैटरी से चलने वाले गैजेट में मौजूद है. इसी वजह से दुनियाभर में लिथियम की जबरदस्त डिमांड है. वैश्विक मांग के कारण इसे व्हाइट गोल्ड भी कहा जाता है. एक टन लीथियम की वैश्विक कीमत करीब 57.36 लाख रुपये है. पूरे विश्व में ऊर्जा परिवर्तन हो रहा है. हर देश ईंधन ऊर्जा से हरित ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है.

एयरक्राफ्ट से लेकर विंड टर्बाइन, सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल और घर में हर छोटे-बड़े चार्जेबल डिवाइस में लिथियम का इस्तेमाल बढ़ रहा है. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2050 तक लिथियम धातु की वैश्विक मांग में 500 प्रतिशत की वृद्धि होगी. इस दृष्टि से राजस्थान में लिथियम का अपार भण्डार प्राप्त होना न केवल प्रदेश के लिए अपितु देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यंत लाभदायक है. कुल 21 मिलियन टन का दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार वर्तमान में बोलिविया देश में है. इसके बाद अर्जेंटीना, चिली और अमेरिका में भी बड़े भंडार हैं.

इसके बावजूद, चीन, जिसके पास 5.1 मिलियन टन लिथियम का भंडार है, का वैश्विक बाजार में एकाधिकार बना हुआ है. भारत को भी अपने कुल लिथियम आयात का 53.76 फीसदी हिस्सा चीन से खरीदना पड़ता है. वर्ष 2020-21 में भारत ने 6,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के लिथियम का आयात किया और इसमें से 3,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का लिथियम चीन से खरीदा गया. ऐसे में अधिकारियों का मानना है कि राजस्थान में लिथियम के भंडार इतने ज्यादा हैं कि चीन के एकाधिकार को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है और देश हरित ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बन सकता है.

राजस्थान में लिथियम के भंडार मिलने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. केंद्र सरकार के निर्देश पर टंगस्टन खनिज की खोज के लिए जीएसआई की सर्वे टीम डेगाना पहुंची. इसी बीच जीएसआई की सर्वे टीम ने इस क्षेत्र में लिथियम के भंडार की उपलब्धता का पता लगाया. 

जरूर पढ़ें...

 Imran Khan की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में फूटा बगावत का बारूद, गृहयुद्ध में जलकर होगा भस्म!
कर्नाटक की 10 हॉट सीटें, जहां CM बोम्मई से लेकर इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news