Karnataka election news: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में आज वोटिंग होगी. राज्य में 5.3 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं, इनमें 11.71 लाख वोटर्स पहली बार मतदान करेंगे. आइए अब नजर डालते हैं राज्य की 10 हॉट वीवीआईपी सीटों पर जहां दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है.
Trending Photos
Karnataka Chunav 2023 Hot seats: इस बार का कर्नाटक विधानसभा चुनाव कई मायनों में दिलचस्प हो गया है. एंटी इनकमबेंसी फैक्टर के अलावा सत्ताधारी बीजेपी (BJP) की मुश्किल यह है कि पार्टी के कई नेता बागी बनने के बाद पाला बदलकर दूसरे दल की सीट से चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं. वहीं कर्नाटक सरकार के कई मंत्रियों का सीधा मुकाबला कांग्रेस (Congress) और जेडीएस (JDS) के दिग्गजों से है. ऐसे में अब जानते हैं कर्नाटक की 10 हॉट सीटों के बारे में. कौन सा वीआईपी कहां से चुनाव लड़ रहा है और उस सीट के सियासी समीकरण क्या हैं?
1. शिग्गांव: कर्नाटक की सबसे हाई प्रोफाइल सीट है. यहां से CM बोम्मई चुनाव मैदान में हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस ने यासिर अहमद खान पठान को टिकट दिया है. जबकि जेडीएस ने शशिधर चन्नबसप्पा यलीगर को चुनावी मैदान में उतारा है. बोम्मई 2008 से यहां अजेय बने हुए हैं और लगातार 3 बार से विधायक हैं. आठ बार इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली है. यहां पिछले 14 विधानसभा चुनावों में जेडीएस बस एक बार ही जीत पाई है. जबकी दो बार निर्दलीय उम्मीदवारों को मौका मिला.
2. कनकपुरा: यहां आज तक बीजेपी का खाता नहीं खुला है. कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार कनकपुरा सीट से मैदान में हैं. उनके खिलाफ बीजेपी ने अपने मंत्री आर अशोक को खड़ा किया है. जेडीएस ने बी नागराजू को प्रत्याशी बनाया है. शिवकुमार इस सीट पर लगाताकर तीन बार से विधायक हैं. वो 2008, 2013 और 2018 में भी जीत चुके हैं. कनकपुरा सीट पर हुए पिछले 14 चुनावों में से छह बार कांग्रेस को जीत मिली है. जबकि एक-एक बार निर्दलीय, जेडीएस, जेडीयू और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार यहां से जीते हैं.
3. चन्नापट्टन: इस सीट से जेडीएस चीफ एचडी कुमारस्वामी खुद उम्मीदवार हैं. कुमारस्वामी के खिलाफ बीजेपी ने सीपी योगेश्वर और कांग्रेस ने गंगाधर एस. को टिकट दिया है. 2018 में भी कुमारस्वामी यहां से जीते थे. उन्होंने बीजेपी के सीपी योगेश्वर को 21 हजार से ज्यादा वोट से हराया था.
4.वरुणा : कर्नाटक की वरुणा विधानसभा सीट भी हॉट सीट है. यहां से कांग्रेस नेता और पूर्व CM सिद्धारमैया चुनाव लड़ रहे हैं. सिद्धारमैया के खिलाफ बीजेपी ने कर्नाटक सरकार के मंत्री वी. सोमन्ना को प्रत्याशी बनाया है. जेडीएस से डॉ. भारती शंकर उम्मीदवार हैं.
5.होलेनरसीपुर: होलेनरसीपुर सीट देवगौड़ा परिवार का गढ़ है. यहां से जेडीएस ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बड़े बेटे एचडी रवन्ना को मैदान में उतारा है. पिछली बार यानी 2018 में भी इस सीट से रवन्ना जीते थे. रवन्ना के खिलाफ बीजेपी ने देवराजे गौड़ा और कांग्रेस ने श्रेयस एम. पटेल को टिकट दिया है. रवन्ना के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा यहां से 1962 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते थे. इसके बाद लगातार 6 बार एचडी देवगौड़ा यहां से जीते.
6. सिरसी : इस सीट से बीजेपी नेता और कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी चुनावी समर में हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस ने भीमन्ना नाईक को मैदान में उतारा है. कागेरी यहां जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. इस सीट पर पिछले पांच चुनाव में बीजेपी को जीत मिली है.
7. हुबली–धारवाड़ सेंट्रल: इस सीट से कर्नाटक के दिग्गज लिंगाायत नेता जगदीश शेट्टार बीजेपी छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं. जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सेंट्रल से छह बार के विधायक हैं. बीजेपी ने इस सीट से महेश तेंगिनाकाई को टिकट दिया है.
8. शिकारीपुर: इस सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व CM येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र BJP प्रत्याशी हैं. 1983 से ही यह सीट येदियुरप्पा का गढ़ रही है. विजयेंद्र के खिलाफ कांग्रेस ने जीबी मलातेश को अपना उम्मीदवार बनाया है. येदियुरप्पा यहां से आठ बार विधायक चुने जा चुके हैं. तीस साल में उन्हें बस एक बार 1999 में हार का सामना करना पड़ा था.
9. चित्तपुर: यहां से कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे चुनाव लड़ रहे हैं. प्रियांक के खिलाफ बीजेपी के मणिकांता राठौड़ हैं. 2018 में इस सीट से प्रियांक खरगे ने जीत हासिल की थी.
10. अथणी : कर्नाटक की अथणी सीट से पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. आपको बताते चलें कि लक्ष्मण सावदी हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. लक्ष्मण सावदी के खिलाफ बीजेपी ने महेश कुमाथल्ली तो जेडीएस ने शशिकांत पदसालगी को मैदान में उतारा है.
बड़े फैक्टर-
लिंगायत और वोक्कालिगा फैक्टर: लिंगायत समुदाय का प्रभाव 67 और वोक्कालिगा का 48 सीटों पर है.
82 सीटों पर दलित मतदाता प्रभावी: इन 82 सीटों में दलित आबादी करीब 23% से अधिक है.