पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध चाहता है भारत लेकिन पहल पाकिस्तान को करनी होगी : राजनाथ सिंह
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पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध चाहता है भारत लेकिन पहल पाकिस्तान को करनी होगी : राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान की बात है , वह हमारा पड़ोसी देश है. हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं. ’ 

राजनाथ सिंह ने कहा , ‘आतंक को (भारत के खिलाफ) मदद देने और बढ़ावा देने में अपनी जमीन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की उसे (पाकिस्तान को) पहल करनी होगी.’  (फाइल फोटो)

जम्मू: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन पहल पाकिस्तान को करनी होगी और भारत के खिलाफ आतंक को बढ़ावा देने में अपनी जमीन का इस्तेमाल करना बंद करना होगा. सिंह ने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान की बात है , वह हमारा पड़ोसी देश है. हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं. ’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस दिशा में पाकिस्तान को प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा , ‘आतंक को (भारत के खिलाफ) मदद देने और बढ़ावा देने में अपनी जमीन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की उसे (पाकिस्तान को) पहल करनी होगी.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की आईएसआई साजिश के बारे में आईबी की तथाकथित रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में गृह मंत्री से पाकिस्तान से शांति वार्ता बहाल करने की संभावना पर सवाल पूछा गया था , जिसका वह जवाब दे रहे थे. 

रमजान के दौरान संघर्षविराम की पृष्ठभूमि में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि ‘अमन पसंद लेागों के लिए रमजान का महीना बेहद पाक होता है. प्रधानमंत्री ने संघर्ष विराम की घोषणा इसलिए की है ताकि उन्हें रमजान के दौरान किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.’ उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा हालात का जायजा लेगी और फिर अन्य पक्षकारों के साथ बात करेगी. उन्होंने कहा,‘जो सही होगा , वह किया जाएगा.’ 

'बातचीत के लिए सोच का सही होना जरूरी'
उनसे पूछा गया कि संघर्षविराम के मुद्दे पर क्या भाजपा ने सहयोगी पीडीपी के आगे घुटने टेक दिए हैं और क्या वह अलगाववादियों के खिलाफ नरम रुख अपना रही है. इस पर सिंह ने कहा कि ‘बातचीत के लिए लोगों का एक समान सोच वाला होना जरूरी नहीं है बल्कि सोच का सही होना जरूरी है.’ सिंह ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मुद्दे पर केंद्र ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की है. 

गृह मंत्री से सवाल किया गया कि जिस तरह कश्मीर में पत्थरबाजों को आम माफी दी गई है क्या उसी तरह आमतौर पर इन पत्थरबाजों का सामना करने वाले सुरक्षा बलों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे ? इस पर उन्होंने कहा , ‘आम माफी पहले दी गई थी. हमने इस बारे में (सुरक्षा बलों के जवानों के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने के बारे में) मुख्यमंत्री से बातचीत की है. ’

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