शहीद औरंगजेब के पिता खुद सेना में रह चुके हैं. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाने की मांग की है.
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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब को शनिवार को सुपुर्दे खाक किया जाएगा. इससे पहले सेना के अफसरों ने उनके पिता मोहम्मद हनीफ से मुलाकात की. देश के लिए अपने बेटे को गंवा चुके मोहम्मद हनीफ के इरादे अब भी कमजोर नहीं पड़े हैं. वह अब भी कह रहे हैं कि घाटी के लिए आतंक घातक है. वह घाटी में मौजूद आतंकवाद के लिए वहां के नेताओं को जिम्मेदार मानते हैं.
सेना अफसरों से उन्होंने कहा, सेना को अब कश्मीर से आतंकवाद को उखाड़कर फेंकना होगा. उन्होंने कहा, घाटी में नेता सत्ता के लिए जवानों को मरवा रहे हैं. लेकिन अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाना होगा. उन्होंने कहा मुझे सिर्फ अपने बेटे को खोने का दर्द नहीं है. ये सिर्फ मेरे परिवार का दुख नहीं है.
शहीद औरंगजेब को उसके पैतृक गांव सलानी में सुपुर्दे खाक किया जाएगा. मोहम्मद हनीफ और राज बेगम की 10 संतानों में जिसमें 4 लड़कियां हैं. औरंगजेब चौथे नंबर पर था. हनीफ का बड़ा बेटा मोहम्मद कासिम सेना में कार्यरत है, जबकि उसके दो छोटे बेटे मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शबीर सशस्त्र सेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं. तारिक ने लिखित एवं शारीरिक परीक्षा पास कर ली है और 22 जून को होनेवाले मेडिकल टेस्ट के लिए पुणे में था. शबीर ने शारीरिक एवं मेडिकल परीक्षा की बाधा को पार कर लिया है और लिखित परीक्षा की तैयारी कर रहा है जो कि 27 जुलाई को होना है.
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औरंगजेब के पिता हनीफ ने कहा, 'हमारा सैनिकों का परिवार है.' लेकिन उनके घर के भीतर, औरंगजेब की मां राज बेगम गमगीन हैं. हनीफ ने कहा कि 14 जून की शाम करीब 4:30 बजे इलाके में तैनात एक सैन्य यूनिट से उन्हें बेटे के अपहरण की जानकारी मिली.