महागठबंधन पर PM मोदी का हमला, 'जब ये लोकतंत्र की बात करते हैं तो देश कहता है 'वाह क्या बात है'
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महागठबंधन पर PM मोदी का हमला, 'जब ये लोकतंत्र की बात करते हैं तो देश कहता है 'वाह क्या बात है'

शनिवार को कोलकाता में महागठबंधन की रैली हुई. दूसरी तरफ पीएम मोदी गुजरात में थे. उन्होंने सिलवासा में एक रैली में महागठबंधन के दलों के इस गठजोड़ पर तीखा हमला बोला.

पीएम मोदी ने सिलवासा में एक रैली में महागठबंधन की रैली पर हमला बोला. फोटो : आईएएनएस

सिलवासा (गुजरात): गुजरात के दौरे पर सिलवासा में पीएम मोदी ने महागठबंधन पर तीखा हमला किया. प्रधानमंत्री ने कहा, पहले जो लोग कांग्रेस केा लोग पानी पी पी कर कोसते थे. अब एक मंच पर आ गए हैं. उन्होंने हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चल रही है. हम विकास की पंचधारा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं. बच्चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, ये हमारे लिए विकास का राजमार्ग हैं.

शनिवार को कोलकाता में महागठबंधन की रैली हुई. दूसरी तरफ पीएम मोदी गुजरात में थे. उन्होंने सिलवासा में एक रैली में महागठबंधन के दलों पर निशाना साधते हुए कहा, जब लोकतंत्र का गला घोंटने वाले लोकतंत्र को बचाने की बात करते हैं तो देश के मुंह से निकलता है, वाह क्या बात है. इन्हें गुस्सा आ रहा है कि मोदी गरीबों का अधिकार छीनने वाले, उनके राशन, उनकी पेंशन हड़पने वाले दलालों को बाहर क्यों कर रहा है. अपने इसी गुस्से की वजह से अब ये लोग एक महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

हालत ये है कि जो पहले कांग्रेस को पानी पी-पी कर कोसते थे, वो भी एक मंच पर आ गए हैं. ये महागठबंधन अकेले मेरे खिलाफ ही नहीं, देश की जनता के भी खिलाफ है. अभी तो ये पूरी तरह साथ आए भी नहीं है, लेकिन हिस्सेदारी पर कैसे मोलभाव चल रहा है, ये भी देश का नौजवान, देश का किसान, देश की महिलाएं, पहली बार वोट डालने जा रहे युवा साफ देख रहे हैं. अपने परिवार, अपनी सल्तनत को बचाने के लिए ये कितने भी गठबंधन बना लें, अपने कर्मों से ये नहीं भाग सकते.

आज इन दोनों क्षेत्रों में रहने वाले वो गरीब, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के योग्य हैं, उन्हें घरों की मंजूरी दी जा चुकी है. आज दोनों ही क्षेत्रों के वह लोग, जिन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलना है, गोल्ड कार्ड जारी किए जा चुके हैं. आज इन दोनों क्षेत्रों में रहने वाले वो गरीब, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के योग्य हैं, उन्हें घरों की मंजूरी दी जा चुकी है. आज दोनों ही क्षेत्रों के वो लोग, जिन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलना है, गोल्ड कार्ड जारी किए जा चुके हैं.

दवाई और पढ़ाई के साथ-साथ सरकार ये भी सुनिश्चत कर रही है कि कोई भी गरीब बेघर ना रहे. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव और शहरों के गरीबों को अपना पक्का घर देने का एक व्यापक अभियान चल रहा है. बीते साढ़े 4 वर्षों से जिस कमिटमेंट के साथ, जिस स्पीड और स्केल पर गरीबों के घर बनाने का का काम चल रहा है, वो अभूतपूर्व है. पहले की सरकार जहां अपने 5 साल में सिर्फ 25 लाख घर बनवा सकी थी, वहीं हमारी सरकार अब तक 1 करोड़ 25 लाख से अधिक घरों का निर्माण पूरा करा चुकी है.

ज़मीन हो, जंगल की पैदावार हो, पढ़ाई लिखाई हो, खेल से जुड़ी प्रतिभा हो, हर स्तर पर आदिवासियों के कल्याण के लिए व्यापक प्रयास हो रहे हैं. वनधन योजना के तहत जो जंगल की उपज है उसमें value addition और उसके उचित प्रचार-प्रसार के लिए देशभऱ में सेंटर बनाए जा रहे हैं.  दादरा और नगर हवेली में पर्यटन के लिए बहुत संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र को टूरिस्ट मैप पर लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. सिलवासा में बने दमनगंगा रिवरफ्रंट के पीछे की भावना भी यही है.

अब यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण का केंद्र यहां बनकर तैयार है. आज गरीबों के लिए, आदिवासियों के लिए, मध्यम वर्ग के लिए जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, उनके मूल में सबका साथ-सबका विकास है. जबकि वो दल जिसने दशकों तक देश में सरकारें चलाईं वो हर काम में अपनी या अपने परिवार की संभावनाएं देखता था. यही कारण है कि वहां काम से ज्यादा नाम पर जोर दिया गया. इन्हें दिक्कत है कि मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ इतनी कड़ी कार्रवाई क्यों कर रहा है? इन्हें परेशानी है कि सत्ता के गलियारों में घूमने वाले बिचौलियों को मोदी ने बाहर क्यों निकाल दिया. इन्हें गुस्सा आ रहा है कि मोदी गरीबों का अधिकार छीनने वाले, उनके राशन, उनकी पेंशन हड़पने वाले दलालों को बाहर क्यों कर रहा है.

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