भारत और स्विटजरलैंड के बीच मैत्री संधि की 70वीं वर्षगांठ पर स्विस राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड भारत की यात्रा पर आई हैं.
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नई दिल्ली: स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड का भारत आने के बाद आज राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे. स्विस राष्ट्रपति की तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान दोनों देश कारोबार, निवेश एवं आर्थिक विषयों समेत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने को प्राथमिकता दे रहे हैं. माना जा रहा है कि इस दौरान स्विस बैंक में जमा भारतीयों के काले धन का मुद्दे पर भी बातचीत हो सकती है.
भारत और स्विटजरलैंड के बीच मैत्री संधि की 70वीं वर्षगांठ पर स्विस राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड भारत की यात्रा पर आई हैं. राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड की इस यात्रा के दौरान ‘भारत स्विस मित्रता के 70 साल : मन के तार जोड़ने और भविष्य को प्रेरित करने वाला रिश्ता’ विषय पर आधारित कई कार्यक्रमों को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाया जाएगा.
#PresidentKovind accorded a ceremonial welcome to President Doris Leuthard of the Swiss Confederation at Rashtrapati Bhavan this morning pic.twitter.com/GDm3BD4wCi
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 31, 2017
राष्ट्रपति भवन में स्विस राष्ट्रपति ने सलामी गारद का निरीक्षण भी किया. विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ स्विस राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड की फोटो जारी करते हुए कहा कि लोकतंत्र के साझा मूल्यों पर आधारित मित्रता का नजारा. राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में स्विस राष्ट्रपति की आगवानी की जहां दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई.
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विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘आपसी विकास के लिये संबंधों को गहरा बनाने की ये पहल है.’’ इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड से मुलाकात की और आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की.
बातचीत के दौरान दोनों देश कारोबार, निवेश एवं आर्थिक विषयों समेत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे. कला, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में स्विटजरलैंड और भारत के बीच गहरे संबंध हैं. भारत से काफी संख्या में पर्यटक स्विटजरलैंड जाते हैं और इसी प्रकार स्विटजरलैंड से भी पर्यटक भारत आते हैं.
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भारत और स्विट्जरलैंड के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं. स्विट्जरलैंड भारत का सातवां सबसे बड़ा व्यापार साझेदार और भारत के लिए 11वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है.
मंत्रालय का कहना है कि, ‘‘कई बड़े वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों के एक जैसे विचार हैं. ये यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय और पारस्परिक हित के वैश्विक तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा का अवसर उपलब्ध कराएगी.’’ स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति लिउथर्ड के साथ वरिष्ठ सरकारी अधिकारी तथा कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल जून में स्विट्जरलैंड की यात्रा पर गए थे. इस दौरान स्विट्जरलैंड ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता का समर्थन किया था.
इसके अलावा दोनों देश कर अपवंचना तथा काले धन के खिलाफ लड़ाई में सहयोग पर भी सहमत हुए थे. पीएम मोदी ने तब कहा था कि दोनों देशों के लिए काले धन और कर अपवंचना जैसी बुराई से लड़ना ‘‘साझा प्राथमिकता’’है. माना जा रहा है कि इस दौरान भारतीय पक्ष भारतीयों द्वारा स्विस बैंक में जमा किए गए काले धन का मुद्दा उठा सकता है. गौरतलब है कि इससे पहले 1998, 2003 और 2007 में स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति भारत की यात्रा पर आ चुके हैं.