तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इस मामले पर पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन जजों ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक बताया है. जस्टिम नरीमन, जस्टिम यूयू ललित और जस्टिस कुरियन जोसफ ने ट्रिपल तलाक को पूरी तरह गलत बताते हुए अपने फैसले में इसे असंवैधानिक करार दिया. इस फैसले के आते ही ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई. #TripleTalaq टॉप ट्रेंड बन गया है.
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नई दिल्ली : तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मुस्लिमों में तीन तलाक के जरिए दिए जाने वाले तलाक की प्रथा ‘अमान्य’, ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ है. सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 के मत से सुनाए गए फैसले में तीन तलाक को कुरान के मूल तत्व के खिलाफ बताया. प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और जस्टिस एस अब्दुल नजीर जहां तीन तलाक की प्रथा पर छह महीने के लिए रोक लगाकर सरकार को इस संबंध में नया कानून लेकर आने के लिए कहने के पक्ष में थे, वहीं जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस यू यू ललित ने इसे संविधान का उल्लंघन करार दिया.
तस्लीमा नसरीन, बांग्लादेशी लेखिका
'Triple Talaq is not in the Quran'--- is it the reason for it to go? There're many injustices & inequalities in the Quran. Should they stay?
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 22, 2017
अनूप जलोटा, प्रसिद्ध भजन गायक
So...#TuesdayThoughts are progressive.#SupremeCourt's verdict on #TripleTalaq is a big relief for Muslim women across the nation.
— Anup Jalota (@anupjalota) August 22, 2017
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शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
हम सुप्रीमकोर्ट के ट्रिपल तलाक पर दिये गए आदेश का स्वागत करते हैं। केंद्र सरकार से अनुरोध करते है की यह कानून जल्द से जल्द पारित किया जाये। ट्रिपल तलाक़ जैसी प्रथाएँ हमारी बहनों,बेटियों के लिए मानसिक व सामाजिक प्रताड़ना के समान हैं एवं आधुनिक भारतीय समाज के विकास में भी बाधक हैं.
हम सुप्रीमकोर्ट के ट्रिपल तलाक़ पर दिये गए आदेश का स्वागत करते हैं। केंद्र सरकार से अनुरोध करते है की यह कानून जल्द से जल्द पारित किया जाये।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 22, 2017
ट्रिपल तलाक़ जैसी प्रथाएँ हमारी बहनों,बेटियों के लिए मानसिक व सामाजिक प्रताड़ना के समान हैं एवं आधुनिक भारतीय समाज के विकास में भी बाधक हैं।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 22, 2017
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कुमार विश्वास, नेता, आप
SC के फैसले का स्वागत.हर मुद्दे पर राजनीति करते पक्ष-विपक्ष अब अपने-अपने वोट बैंक तुष्टिकरण की बजाए स्त्री-हित में न्यायोचित कानून बनाएं.
SC के फैसले का स्वागत.हर मुद्दे पर राजनीति करते पक्ष-विपक्ष अब अपने-अपने वोट बैंक तुष्टिकरण की बजाए स्त्री-हित में न्यायोचित कानून बनाएं
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 22, 2017
SC decision welcome. High time the incumbent & opp think beyond individual vote bank appeasement and frame a law that best suits India.
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 22, 2017
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बाबा रामदेव
Satyamev Jayate ! Courage of Muslim women, Initiative of @narendramodi Govt & justice by Supreme Court gave us this result #TripleTalaqOver
— Swami Ramdev (@yogrishiramdev) August 22, 2017
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
In a welcome move, Hon'ble #SupremeCourt set aside unconstitutional practice of #TripleTalaq. A victorious step towards women empowerment. pic.twitter.com/Qte81jEX89
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) August 22, 2017
आरएसएस विचारक प्रो. राकेश सिन्हा
Indian Muslim women realise the worth of secularism as a higher value than uncodified & medieval personal laws
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) August 22, 2017
भाजपा नेता शाजिया इल्मी
Triple Talaq is anti-Quran, anti-Constitution and anti-humanity! From Shahbano to Shayara Bano the wheel has turned full circle.Say No to TT
— shazia ilmi (@shaziailmi) August 22, 2017
SC judgement is disappointing to say the least.Let the Parliament now make a law.Let's rally for this law now. Let's join hands
— shazia ilmi (@shaziailmi) August 22, 2017
The update is heartening. 3 judges call TT unconstitutional! Great!
— shazia ilmi (@shaziailmi) August 22, 2017
The update is heartening. 3 judges call TT unconstitutional! Great!
— shazia ilmi (@shaziailmi) August 22, 2017
What a huge and a historic verdict!Relief for scores of Muslim sisters spelling redundancy for the compromised 'mullahs'! The path is clear
— shazia ilmi (@shaziailmi) August 22, 2017
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी
Nw let's see BJP&Modiji walk the talk on #TripleTalaq ,reform should hv come frm AIMPLB if nt then legislation.SC has done its bit!All hail!
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) August 22, 2017
शहजाद पूनावाला
#TripleTalaq verdict by #SupremeCourt applies to Instant Triple Talaq not other forms of valid divorces which are protected by Const 1/n
— Shehzad Poonawalla (@Shehzad_Ind) August 22, 2017
मेनका गांधी
Its a good judgement and its another step towards gender justice and gender equality:Maneka Gandhi,Union Minister #TripleTalaq pic.twitter.com/Gu8qSjt210
— ANI (@ANI) August 22, 2017
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि मुस्लिमों में तीन तलाक के जरिए दिए जाने वाले तलाक की प्रथा ‘अमान्य’, ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ है. सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 के मत से सुनाए गए फैसले में तीन तलाक को कुरान के मूल तत्व के खिलाफ बताया. प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और जस्टिस एस अब्दुल नजीर जहां तीन तलाक की प्रथा पर छह माह के लिए रोक लगाकर सरकार को इस संबंध में नया कानून लेकर आने के लिए कहने के पक्ष में थे, वहीं जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस यू यू ललित ने इस प्रथा को संविधान का उल्लंघन करार दिया.
'कुरान के मूल तत्व के खिलाफ है तीन तलाक'
बहुमत वाले इस फैसले में कहा गया कि तीन तलाक समेत हर वो प्रथा अस्वीकार्य है, जो कुरान के मूल तत्व के खिलाफ है. तीन न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि तीन तलाक के जरिए तलाक देने की प्रथा स्पष्ट तौर पर स्वेच्छाचारी है. यह संविधान का उल्लंघन है और इसे हटाया जाना चाहिए. प्रधान न्यायाधीश खेहर और जस्टिस नजीर के अल्पमत वाले फैसले में तीन तलाक की प्रथा पर छह माह की रोक की बात की गई. इसके साथ ही राजनीतिक दलों से कहा गया कि वे अपने मतभेदों को दरकिनार करके एक कानून लाने में केंद्र की मदद करें. अल्पमत के फैसले के न्यायाधीशों ने कहा कि यदि केंद्र छह माह के भीतर कानून लेकर नहीं आता तो तीन तलाक पर उसका आदेश जारी रहेगा. प्रधान न्यायाधीश और जस्टिस नजीर ने अपने अल्पमत वाले फैसले में यह उम्मीद जताई कि केंद्र का कानून मुस्लिम संगठनों और शरिया कानून से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखेगा.