त्रिपुरा : नगर निकाय उपचुनावों में बीजेपी की बड़ी जीत, 67 में से 66 सीटों पर कब्जा जमाया
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त्रिपुरा : नगर निकाय उपचुनावों में बीजेपी की बड़ी जीत, 67 में से 66 सीटों पर कब्जा जमाया

 सत्तारूढ़ बीजेपी ने विभिन्न नगर निकाय व अगरतला नगर निगम की खाली सीटों पर हुए उपचुनाव में शुक्रवार को एकतरफा जीत हासिल की. 

नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर थी.

अगरतला: सत्तारूढ़ बीजेपी ने विभिन्न नगर निकाय व अगरतला नगर निगम की खाली सीटों पर हुए उपचुनाव में शुक्रवार को एकतरफा जीत हासिल की. बीजेपी ने 67 सीटों में से 66 पर परचम फहराया. इन सीटों के लिए गुरुवार को मतदान हुए थे. नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर थी. चुनाव परिणामों के बाद यह साफ हो गया है कि बीजेपी की लोकप्रियता बरकरार है. 

त्रिपुरा राज्य निर्वाचन आयोग (टीएसईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीजेपी के उम्मीदवारों ने चुनाव में 67 सीटों में से 66 पर जीत हासिल की. पार्टी पहले ही 91 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी थी. अधिकारी ने मीडिया से कहा, "पानिसागर नगर पंचायत की एकमात्र सीट विपक्षी सीपीएम के पक्ष में गई है." टीएसईसी ने पिछले महीने 14 नगर निकायों की 158 सीटों के उपचुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे जिसमें अगरतला नगर निगम के नतीजे शामिल थे. 

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता पबित्र कर ने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा त्रिपुरा में लोकतंत्र की हत्या और पूरी तरह से हास्यास्पद नगर निकाय चुनाव के खिलाफ शनिवार को एक रैली आयोजित की जाएगी. माकपा के राज्य सचिव गौतम दास ने मीडिया से कहा कि धमकी, हिंसक हमले व रोक की वजह से उनके उम्मीदवार ज्यादातर सीटों पर नामांकन जमा नहीं कर सके, जिससे भाजपा उम्मीदवार बिना लड़ाई के निर्विरोध जीत गए. उन्होंने कहा, "जिन जगहों पर हमारे उम्मीदवारों ने नामांकन जमा किया था, भाजपा व उनके गुंडों ने उन पर, उनके घरों व संपत्तियों पर हमले किए, जबकि पुलिस व राज्य निर्वाचन अयोग मूकदर्शक बने रहे." 

कांग्रेस नेता हरेकृष्णा भौमिक और तपस डे ने मीडिया को बताया कि उनकी पार्टी ने 67 सीटों में से आधे से ज्यादा सीटों पर फिर से चुनाव करवाने की मांग की है क्योंकि इन पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ मिलकर कब्जा जमा लिया था. उधर, बीजेपी प्रवक्ता नाबेंदु भट्टाचारजी ने सीपीएम और कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "लोगों का इन दोनों पार्टियों से मोह भंग हो चुका है क्योंकि इन दोनों पार्टियों का हाल के विधानसभा चुनाव में जनाधार खत्म हो चुका है."

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