भारत-जापान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी बेहद जरूरी : PM मोदी
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भारत-जापान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी बेहद जरूरी : PM मोदी

दुनिया में शांति कायम करने के लिए एक करीबी एवं मजबूत द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को अपरिहार्य बताते हुए भारत और जापान ने सोमवार को आर्थिक एवं सामाजिक विकास को बढ़ावा देने, क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने की खातिर अन्य देशों से संबंध कायम करने तथा विवादों के शांतिपूर्ण निपटारे को बढ़ावा देने का फैसला किया।

भारत-जापान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी बेहद जरूरी : PM मोदी

टोक्यो : दुनिया में शांति कायम करने के लिए एक करीबी एवं मजबूत द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को अपरिहार्य बताते हुए भारत और जापान ने सोमवार को आर्थिक एवं सामाजिक विकास को बढ़ावा देने, क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने की खातिर अन्य देशों से संबंध कायम करने तथा विवादों के शांतिपूर्ण निपटारे को बढ़ावा देने का फैसला किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंज़ो आबे की मुलाकात के दौरान इस बाबत फैसला हुआ। मुलाकात के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने अपने इस साझा विश्वास को स्वीकार किया कि ‘दुनिया में बढ़ती उथल-पुथल, बढ़ते तनाव और बदलाव के वक्त में भारत और जापान के बीच करीबी एवं मजबूत रणनीतिक साझेदारी बेहद जरूरी है ताकि दोनों देशों का भविष्य बेहतर हो और दुनिया, खासकर एशिया, प्रशांत एवं हिंद महासागर क्षेत्र, में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि कायम हो।’

एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘दोनों प्रधानमंत्रियों ने फैसला किया कि दोनों देशों के साझा मूल्यों, एकसमान हितों एवं अनुपूरक कौशलों एवं संसाधनों की मजबूती का फायदा उठाया जाएगा ताकि अन्य इच्छुक देशों एवं क्षेत्रों में आर्थिक-सामाजिक विकास, क्षमता-निर्माण एवं आधारभूत संरचना विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत साझेदारी कायम हो।’

दोनों नेताओं ने क्षेत्र एवं इससे भी आगे के अन्य देशों से संबंध कायम करने की मंशा की भी पुष्टि की ताकि क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटा जा सके, क्षेत्रीय सहयोग एवं अखंडता गहरी हो, क्षेत्रीय आर्थिक एवं सुरक्षा मंचों को मजबूत बनाया जा सके और विवादों के शांतिपूर्ण निपटारे को बढ़ावा दिया जा सके।

मोदी ने कहा कि भारत जापान को अपना सबसे करीबी और सबसे भरोसेमंद साझेदार मानता है और यह रिश्ता ‘मेरी सरकार के लिए सबसे ऊंची प्राथमिकता है।’ मोदी ने कहा, ‘यह केवल इस वजह से नहीं है कि भारत के बदलाव के लिए जापान एक अहम साझेदार है बल्कि इसलिए भी कि दो शांतिप्रिय एवं लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जापान एशिया एवं विश्व के भविष्य को आकार देने में एक प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सफल भारत और सफल जापान दोनों देशों के फायदे में होगा। इसके अलावा, यह रिश्ता एशिया एवं संसार में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि की ताकत होगा।’ दोनों प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद के दोषियों और उद्भव से परे जाकर सभी स्वरूपों के आतंकवाद की निंदा की।

उन्होंने आतंकवाद के उभरते चरित्र पर जोर देते हुए सूचना एवं खुफिया जानकारियां साझा करने के जरिए आतंकवाद से मुकाबले में मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का आह्वान किया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न देशों में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मुद्दे पर चिंता जताई और आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकाने एवं उनकी आधारभूत संरचना खत्म करने की अहमियत पर जोर दिया।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में जल्द से जल्द ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर विस्तृत संधिपत्र’ को अंतिम रूप देने एवं उसे स्वीकार करने के जरिए आतंकवाद पर बहुपक्षीय कार्रवाई फिर से शुरू करने का आह्वान किया। मोदी और आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तृत सुधार की तत्काल जरूरत पर जोर दिया और खास तौर पर कहा कि स्थायी एवं अस्थायी श्रेणियों में विस्तार की सख्त जरूरत है ताकि इसे 21वीं सदी की जरूरतों के बाबत ज्यादा प्रतिनिधित्वकारी, औचित्यपूर्ण एवं प्रभावी बनाया जा सके।

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