मोदी के स्वागत के लिए यूएन, व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी रैलियों की तैयारी
Advertisement
trendingNow1233745

मोदी के स्वागत के लिए यूएन, व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी रैलियों की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिनी अमेरिका यात्रा से पहले यहां रहने वाले सैकड़ों भारतवंशी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय और व्हाइट हाउस के बाहर उनका भव्य स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं।

मोदी के स्वागत के लिए यूएन, व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी रैलियों की तैयारी

वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिनी अमेरिका यात्रा से पहले यहां रहने वाले सैकड़ों भारतवंशी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय और व्हाइट हाउस के बाहर उनका भव्य स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं।

‘अमेरिका वेलकम्स मोदी’ नाम से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने 27 सितंबर को रैलियों की योजना है जब मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को पहली बार संबोधित करेंगे। आयोजकों ने प्रतिभागियों को बांटने के लिए ‘अमेरिका वेलकम्स मोदी’ लिखी टी-शर्ट विशेष रूप से बनवाई हैं और बड़े बैनर तथा पोस्टर भी तैयार किये जा रहे हैं।

इसी तरह वाशिंगटन में अनेक भारतीय अमेरिकी लोग 30 सितंबर को व्हाइट हाउस के सामने स्वागत रैलियों की तैयारी कर रहे हैं। उस दिन मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से उनके ओवल दफ्तर में मुलाकात करने वाले हैं। न्यूयॉर्क के समारोह का आयोजन इंडियन अमेरिकन इंटेलेक्चुअल फोरम कई अन्य संगठनों के साथ मिलकर करेगा वहीं व्हाइट हाउस की रैली की योजना यूएस इंडिया डेमोक्रेसी फोरम ने बनाई है।

इंडियन अमेरिकन इंटेलेक्चुअल फोरम के नारायण कटारिया ने कहा, ‘अमेरिका में मोदी के लिए अभूतपूर्व समर्थन है। शिकागो और ह्यूस्टन तक से भारतीय अमेरिकी संयुक्त राष्ट्र के सामने प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए न्यूयॉर्क आ रहे हैं जब मोदी संरा महासभा को संबोधित करेंगे।’

कटारिया ने कहा कि अनेक सहभागी मोदी का मुखौटा लगाकर शामिल होंगे वहीं संयुक्त राष्ट्र के बाहर मोदी के दो आदमकद कट-आउट लगाये जाएंगे जिनके साथ लोग अपनी तस्वीरें खिंचवा सकेंगे। उन्होंने बताया कि मोदी के सम्मान में आयोजित सार्वजनिक समारोह में जगह की सीमाओं की वजह से सभी को टिकट नहीं मिला है।

व्हाइट हाउस के आयोजन से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘30 सितंबर को आधिकारिक ‘अमेरिका-भारत साझेदारी दिवस’ मनाया जाए। अमेरिकी सरकार द्वारा इस दिन को मान्यता दिये जाने का जश्न हमारे साथ मनाएं।’ अमेरिकी सीनेट ने इसी सप्ताह 30 सितंबर को ‘अमेरिका-भारत साझेदारी दिवस’ घोषित करते हुए निर्विरोध प्रस्ताव पारित किया है।

हालांकि कुछ समूहों ने इन स्वागत रैलियों के समांतर संयुक्त राष्ट्र तथा व्हाइट हाउस के सामने मोदी के विरोध में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। न्यूयॉर्क के ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन ने दोनों जगहों पर पंजाब तथा गुजरात में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।

कश्मीर अमेरिकन काउंसिल ने कल घोषणा की थी कि 29 सितंबर को व्हाइट हाउस के सामने कैंडल लाइट मार्च निकालकर ओबामा को उनके 2008 के उस वायदे को पूरा करने की याद दिलाई जाएगी जिसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बेहतर समझ विकसित करने की कोशिश की बात कही थी।

इस बीच यूएस इंडिया डेमोक्रेसी फोरम ने स्थानीय अधिकारियों को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने मोदी विरोधी रैली में करीब 1300 लोगों के शामिल होने की बात कही है। इस तरह संगठन उनकी स्वागत रैली में अड़चन डालने का प्रयास कर रहा है।

लाफायेते स्क्वायर पार्क में सीमित संख्या में ही लोग आ सकते हैं और अगर ‘सिख फॉर जस्टिस’ की 1300 लोगों की रैली की अर्जी को मंजूर कर लिया गया तो अन्य संगठनों को किसी भी रैली की इजाजत नहीं मिल सकेगी।

Trending news