Trending Photos
नई दिल्ली: भारतीय आकाश में जल्द ही गूगल के बैलून उड़ सकते हैं। ये बैलून वाईफाई से लैस होंगे, जिससे दूर-दराज क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, कैलीफोर्निया की इंटरनेट कंपनी गूगल साझेदारी के लिए दुनियाभर की दूरसंचार कंपनियों से वार्ता कर रही है, जिसमें भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं।
गूगल की सहायक कंपनी गूगल एक्स 'लून' परियोजना पर काम कर रही है। इस परियोजना के तहत आकाश में अनेक बैलून छोड़े जाएंगे, जो एक राउटर की तरह काम करेगा। इससे ऐसे क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा पहुंचाई जाएगी, जहां आम तौर पर यह सेवा पहुंचाना मुश्किल है।
गूगल एक्स रिसर्च लैब के कारोबारी इन्नोवेशन उपाध्यक्ष मुहम्मद गौदत ने भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग संघ नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज द्वारा गत सप्ताह आयोजित एक सम्मेलन में कहा, ''आज करीब 4.5 अरब लोगों तक इंटरनेट सेवा हमेशा उपलब्ध नहीं है।''
ये बैलून धरती से 60 हजार फुट की ऊंचाई पर वायुमंडल के उस हिस्से में तैरेंगे और यह प्राकृतिक आपदाओं से अप्रभावित रहेंगे। ये उसी प्रौद्योगिकी से इंटरनेट उपलब्ध कराएंगे, जिस प्रौद्योगिकी से मोबाइल फोन के जरिए कराया जाता है।
ये बैलून वायुमंडल में पूर्व से पश्चिम या पश्चिम से पूर्व दिशा में तैरते रहेंगे और इसकी जद में आने वाले क्षेत्र में लगातार इंटरनेट उपलब्ध रहेगा। गूगल को ऐसे हजारों बैलून तैनात करने होंगे। उन्होंने कहा कि यह सेवा अगले साल तक शुरू हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि 2०016 तक हम एक वाणिज्यिक मॉडल शुरू कर देंगे, जिससे हम धरती के प्रत्येक इंच तक अपनी सेवा पहुंचा देंगे।
ये सेवा टावर खड़ी करने वाले मॉडल के मुकाबले सस्ती होगी। सिर्फ भारत में ही यदि हर एक नागरिक तक इंटरनेट सेवा पहुंचानी हो, तो दो लाख से अधिक टावर खड़े करने होंगे। टावरों का नेटवर्क हालांकि कई प्राकृतिक आपदाओं में क्षतिग्रस्त हो जाता है। अभी भारत में सिर्फ 25 फीसदी आबादी ही इंटरनेट का उपयोग कर पा रही है।