वेस्टइंडीज के कप्तान ब्रेथवेट का कहना था कि राजकोट टेस्ट में उनके बल्लेबाजों को सिर्फ आक्रामक नहीं बल्कि रक्षात्मक होने की भी जरूरत थी.
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राजकोट: भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज को तीसरे दिन ही टीम इंडिया से करारी हार का सामना करना पड़ा. इस हार पर वेस्टइंडीज के कार्यवाहक कप्तान क्रेग ब्रेथवेट ने कहा कि उनके बल्लेबाज भारत के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान काफी आक्रामक शाट्स खेलने के दोषी रहे लेकिन उन्हें सतर्कता और आक्रामकता में सही संतुलन बिठाना होगा. भारत ने दो मैचों की सीरीज के शुरूआती मुकाबले में पारी और 272 रन से जीत दर्ज की.
मैच के बाद ब्रेथवेट ने कहा, ‘‘आगे बढ़ते हुए हमें आक्रामक शाट्स के अलावा रक्षात्मक होने पर भी भरोसा दिखाना होगा. मुझे लगता है कि यही अहम रहेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से जब क्षेत्ररक्षण करते हुए विपक्षी टीम के खिलाड़ी पीछे हो जाते हैं तो डिफेंस में भी सकारात्मक रहना और खराब गेंदों को दूर करना तथा एक रन के लिए इन्हें भेजना मायने रखता है. मुझे नहीं लगता कि हमने अपने डिफेंस पर इतना भरोसा नहीं किया जितना हमें करना चाहिए था.’’
दोनों पारियों में 200 के आंकड़े तक पर नहीं पहुंच सकी विंडीज
यह वेस्टइंडीज के लिये शर्मनाक हार थी जो तीसरे दिन दो बार आउट हो गई. उन्होंने कहा कि पृथ्वी साव शानदार उदाहरण है जिन्होंने इस तरह पारी को आगे बढ़ाया. वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनरों का सामना करने में परेशानी हुई. ब्रेथवेट ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें देखना चाहिए कि भारत ने कैसे बल्लेबाजी की. हमने देखा कि उनके खिलाड़ियों ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की. निश्चित रूप से पृथ्वी शॉ आक्रामक थे. कोहली भी आए और उन्होंने समय लेकर अपनी पारी खेली.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर हम उनसे कुछ सीख लेते हैं तो आगे हम अच्छी लय में आ सकते हैं.’’
उम्मीद के खिलाफ बल्लेबाजी ज्यादा कमजोर नजर आई
इस मैच में वेस्टइंडीज की गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी भी खासी कमजोर नजर आई जबकि मैच से पहले माना जा रहा था कि मेहमान टीम में केमार रोज और नियमित कप्तान जेसन होल्डर की कमी से टीम की केवल बल्लेबाजी कमजोर होगी. मैच में ऐसा कुछ नहीं हुआ. वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में केवल 181 रनों पर सिमटी तो दूसरी पारी में वह 196 रनों पर ही आउट हो गई. अगर पहली पारी में रोस्टर चेस के अर्द्धशतक और दूसरी पारी में केरन पावेल की 89 रनों की पारी नहीं होती तो हालात काफी बुरे थे.
वेस्टइंडीज की इस नाकामी में टीम इंडिया के गेंदबाजों की अहम भूमिका रही. वेस्टइंडीज के बल्लेबाज स्पिन को खास तौर पर पढ़ने में नाकाम रहे. इस मैच में भारतीय स्पिनर्स में कुल 16 विकेट लिए जिसमें कुलदीप और अश्विन ने 6 जबकि जडेजा ने चार विकेट लिए.
(इनपुट भाषा)