राष्ट्रगान विवाद: मैरी कॉम ने हीना सिद्धू को पढ़ाया देशभक्ति का पाठ
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राष्ट्रगान विवाद: मैरी कॉम ने हीना सिद्धू को पढ़ाया देशभक्ति का पाठ

राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने को लेकर काफी विवाद सामने आए हैं. ऐसे में हीना सिद्धू के इस बयान और मैरी कॉम के पलटवार ने एक बार फिर से इस मुद्दे को हवा दे दी है.  

थियेटर में राष्ट्रगान मुद्दे पर आमने-सामने हुईं मैरी-हीना (PIC : PTI)

नई दिल्ली: गोल्ड मेडल जीतने वाली शूटर हीना सिद्धू ने हाल ही में राष्ट्रगान को लेकर एक बयान दिया है, लेकिन बॉक्सर मैरी कॉम उनके इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखती हैं. पांच बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुकीं मैरी कॉम ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रगान सभी भारतीयों की पहचान का प्रतीक है. 34 वर्षीय स्टार बॉक्सर मैरी कॉम ने कहा, एक भारतीय के रूप में यह हमारी पहचान है. मेरी राय में राष्ट्रगान बजना राष्ट्र को आदर देना है. इससे पहले शनिवार को इंडियन शूटर हीना सिद्धू ने कहा था कि, ''वह नहीं समझ पा रहीं कि सुप्रीम कोर्ट ने क्यों सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने को एक नियम बना दिया.''

  1. मैरी कॉम ने कहा, राष्ट्रगान बजना राष्ट्र को आदर देना
  2. हीना सिद्धू ने कहा, राष्ट्रगान को फिल्मों से पहले नहीं बजाना चाहिए
  3. राष्ट्रगान को लेकर कई विवाद सामने आए हैं

हीना सिद्धू ने कहा, ''सबसे पहली बात है कि आप मनोरंजन को देशभक्ति से मिला रहे है और लोगों को मजबूर कर रहे हैं कि फिल्म शुरू होने से पहले वे खड़े होकर राष्ट्रगान गाएं, जबकि वे घर से फिल्म देखने के लिए आए हैं. बाद में आप कहते हैं कि ऐसा करना वैकल्पिक है. लिहाजा या तो आपको कानून नहीं बनाना चाहिए या अपनी संस्कृति और परंपराओं को ध्यान रखना चाहिए.''

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उन्होंने एएनआई से कहा- सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान फिल्मों से पहले अनिवार्य कर दिया. इससे शरारती तत्वों को इसका अपमान करने का मौका मिल गया. राष्ट्रगान को फिल्मों से पहले नहीं बजाना चाहिए, लोग वहां मनोरंजन के लिए आते हैं. 

बता दें कि हाल ही में कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग इवेंट का गोल्ड मेडल जीतने वाली शूटर ने अपने फिशियल टि्वटर पर लिखा कि राष्ट्रगान के दौरान खड़ा नहीं होने और फोन पर जोर-जोर से बात करने के बारे में वह सोच भी नहीं सकती हैं. वह खिलाड़ी होने पर खुद को खुशकिस्मत मानती हैं.  

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सिद्धू ने लिखा- राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने का तो यही मतलब हुआ कि आप पॉपकॉर्न खा सकते हैं, आपस में चिट-चैट कर सकते हैं और फोन तेज आवाज में बात कर सकते हैं. अक्सर मैं खुद को स्पोर्ट्सपर्सन के रूप में खुशकिस्मत मानती हूं. हम ऐसा सोच भी नहीं सकते हैं. बिना राष्ट्रगान सुने के मेडल जीतना आधा भी अच्छा नहीं लगता. 

बता दें कि हाल फिलहाल में राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने को लेकर काफी विवाद सामने आए हैं. ऐसे में हीना सिद्धू के इस बयान और मैरी कॉम के पलटवार ने एक बार फिर से इस मुद्दे को हवा दे दी है.  

गौरतलब है कि कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में यह आदेश दिया था कि सिनेमाघरों में किसी भी फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजना चाहिए. इस आदेश की अनेक प्रमुख नेताओं, फिल्मकारों और खेल शख्सियतों ने आलोचना भी की और प्रशंसा भी की. यह मुद्दा उस समय दोबारा चर्चा में आया जब जम्मू कश्मीर के दो युवाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें कहा गया कि ये दोनों राष्ट्रगान के समय खड़े नहीं हुए थे. 

राजौरी जिले की बाबा गुलाम शाह बादशाह यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले दोनों छात्र राष्ट्रगान के समय न केवल खड़े नहीं हुए बल्कि वे सेल्फी लेते रहे. इस मामले पर नया हल्ला उस समय मचा जब जयपुर के मेयर अशोक लाहोटी ने यह फरमान जारी किया कि उनके स्टाफ को हर सुबह राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाना होगा. सुबह के राष्ट्रगान के बाद किसी स्टाफर की बायोमैट्रिक एंट्री नहीं होगी.

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