Hiroshima day: इतिहास में 'काला धब्बा' है 6 अगस्त का दिन, जब चंद पलों में खाक हो गई दुनिया की इतनी बड़ी आबादी
Advertisement
trendingNow11812740

Hiroshima day: इतिहास में 'काला धब्बा' है 6 अगस्त का दिन, जब चंद पलों में खाक हो गई दुनिया की इतनी बड़ी आबादी

Hiroshima Day History: हिरोशिमा का जख्म अपने दर्द के चरम पर था कि तभी तीन दिन बाद अमेरिका ने एक और बम जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर गिरा दिया. इस बम ने जापान को घुटनों पर ला दिया था. जानिए, क्यों 6 अगस्त को इतिहास का 'काला दिन' कहा जाता है?

फाइल फोटो

Hiroshima Day 2023: जापान और दुनिया के इतिहास में 6 अगस्त की तारीख को सबसे खौफनाक दिन के तौर पर दर्ज किया गया है. आज से करीब 78 साल पहले जापान के लोगों ने तबाही का जो मंजर देखा, उसे शायद ही यह मुल्क कभी भूल पाएगा. 6 अगस्त साल 1945 में जापान के शहर हिरोशिमा में महाविनाशक परमाणु बम गिराया गया था, जिसकी वजह से यह शहर 'मुर्दों का टीला' बन गया था. अमेरिका ने जापान को उस रोज जो दर्द दिया उससे बाकी मुल्क भी दहशत में आ गए.

'लिटिल बॉय' ने मचाई तबाही

अमेरिका ने जो परमाणु बम हिरोशिमा पर गिराया था उसे 'लिटिल बॉय' के नाम से जाना जाता है. इस परमाणु बम से हिरोशिमा का तापमान करीब 4000 डिग्री तक पहुंच गया था, जिसकी वजह से पूरा शहर आग के दहकते गोले में तब्दील हो गया और देखते ही देखते पूरा शहर कब्रिस्तान बन गया. हिरोशिमा का जख्म अपने दर्द के चरम पर था कि तभी तीन दिन बाद अमेरिका ने एक और बम जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर गिरा दिया. इस बम ने जापान को घुटनों पर ला दिया.

क्यों अमेरिका ने गिराया परमाणु बम

दूसरा विश्व युद्ध साल 1939 में शुरू हो चुका था जो 6 साल बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा था. यह वो दौर था जब जापान को दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क माना जाता था. द्वितीय विश्व युद्ध में जापान लगातार दुश्मन मुल्कों पर मौत बरसा रहा था. जापान को रोकने के लिए अमेरिका ने हिरोशिमा में लिटिल बॉय का इस्तेमाल किया. वहीं, नागासाकी में 'फैट बॉय' परमाणु बम गिरा कर जापान को 'अपाहिज' बना दिया.

जापान ने खाई कसम!

अमेरिका के इस हमले में जापान के 80 हजार लोग मौत की आगोश में सो गए और करीब 40 हजार लोग बुरी तरह घायल हो गए. इन परमाणु बमों का खतरा उसी दिन तक नहीं था. बल्कि, इसके कई सालों बाद तक जापान के इन इलाकों में लोग अपंग पैदा होते रहें. इसका कारण परमाणु बम से निकलने वाले विकिरण को बताया जाता है. इन दोनों हमलों के बाद जापान ने अमेरिका के सामने सरेंडर कर दिया और द्वितीय विश्व युद्ध की सालों की लड़ाई पर 1945 में विराम लग गया. इस महाविनाश को देखने के बाद जापान ने कभी परमाणु बम न बनाने की कसम खाई.

Trending news