वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए सीबीआई के लिए 698 करोड़ के आवंटन की घोषणा की.
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नई दिल्ली : देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई की निष्पक्षता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. सीबीआई इन आरोपों के साथ-साथ संसाधनों की कमी से भी जूझ रही है. लेकिन इस बजट में जांच एजेंसी को मबजूत करने के लिए कदम उठाना तो दूर बल्कि पिछले साल की तुलना से भी कम बजट आवंटित किया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए सीबीआई के लिए 698 करोड़ के आवंटन की घोषणा की.
5 सालों में सबसे कम बजट
सीबीआई के लिए 2018-19 के बजट में 698.38 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में महज 2.79 फीसदी की बढ़ोतरी है. पिछले पांच बजट में एजेंसी के लिए यह सबसे कम बढ़ोतरी है जो कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही है और संसाधनों की कमी से जूझ रही है. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट में सीबीआई के लिए 698.38 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है जो पिछले वित्त वर्ष में आवंटित 679.37 करोड़ रुपये की राशि से सिर्फ 2.79 फीसदी ज्यादा है.
अधिकारियों की ट्रेनिंग के लिए 192 करोड़
नौकरशाहों को देश और विदेश में प्रशिक्षण देने के लिए तथा जरूरी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में कार्मिक मंत्रालय को करीब 192 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. मंत्रालय के लिए आवंटित राशि में से 75.32 करोड़ रुपये दिल्ली स्थित सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के स्थापना संबंधी खर्च के लिए दिये गये हैं. इसके अलावा 116.75 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष के लिए एक अलग मद में प्रशिक्षण योजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं.
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रक्षा के लिए 2.74 लाख करोड़
सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं जो पिछले साल के 2.74 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 7.81 फीसदी ज्यादा है. संसद में गुरुवार (1 फरवरी) को पेश आम बजट में कुल रक्षा बजट के तहत सेना के तीनों अंगों के लिए नए हथियारों, विमानों, जंगी जहाजों और अन्य सैन्य साजो-सामान की खरीद के लिए 99,947 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है. रक्षा बजट 2018-19 के लिए निर्धारित कुल 24,42,213 करोड़ रुपए के आवंटन का 12.10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में देश की सीमाओं पर चुनौतियों से निपटने और जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर दोनों क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा माहौल को प्रबंधित करने में सशस्त्र बलों की भूमिका की सराहना की.
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रक्षा विशेषज्ञों ने जताई निराशा
विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान और चीन सीमाओं पर सशस्त्र बलों की बढ़ती चुनौती के बीच रक्षा बजट में यह बढोतरी उम्मीदों के अनुरूप नहीं है. सैन्य विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसे समय भारत के सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए बजट अपर्याप्त है जब उन्हें उत्तरी मोर्चे पर आक्रामक होते चीन तथा पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार चली आ रही शत्रुता का सामना करना है. इंस्टिट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के डॉ. लक्ष्मण बेहरा ने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए आवंटन बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है. उम्मीद कहीं ज्यादा की थी.’ अन्य विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (अवकाशप्राप्त) एसके चटर्जी ने कहा कि आवंटन पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों पर भारत की सुरक्षा चुनौतियों के अनुरूप नहीं है और पिछले साल के मुकाबले वास्तविक वृद्धि मुद्रास्फीति के दबाव तथा सैन्य उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए काफी कम है.