नवाज शरीफ ने पनामा मामले में आरोपों को दी चुनौती, सुप्रीम कोर्ट ने कहा लेनदेन के सबूत पेश करें
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नवाज शरीफ ने पनामा मामले में आरोपों को दी चुनौती, सुप्रीम कोर्ट ने कहा लेनदेन के सबूत पेश करें

शरीफ अगर यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में हार जाते हैं तो इससे उनका प्रधानमंत्री पद खतरे में पड़ सकता है और पाकिस्तान में एक बार फिर उथल-पुथल हो सकती है.

जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की कि धन शोधन मामले में शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जाये. (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार (19 जुलाई) को अपने और अपने परिवार पर लगे घूसखोरी के आरोपों को चुनौती देते हुये कहा कि पनामा जांच समिति ने ऐसे कोई दस्तावेज पेश नहीं किये जो साबित करें कि वह लंदन के पॉश फ्लैटों के मालिक हैं. इस हाईप्रोफाइल मामले में यह फ्लैट विवाद के केंद्र में हैं.

जेआईटी द्वारा 10 जुलाई को मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार (17 जुलाई) को इस घोटाले के मामले में सुनवाई शुरू की. जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की कि 1990 के धन शोधन मामले में शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जाये. उन पर लंदन में संपत्ति खरीदने का अरोप था.

शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस ने जोर देकर कहा कि जेआईटी ‘‘ने शरीफ के खिलाफ भष्ट्राचार का कोई स्पष्ट आरोप नहीं लगाया है.’’ उन्होंने कहा कि जेआईटी ने ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जिससे यह साबित हो कि 67 वर्षीय शरीफ लंदन के फ्लैटों के मालिक हैं.

हैरिस की जिरह छह सदस्यों वाले जेआईटी को निर्देशित थी जिनमें से दो इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस और मिलिट्री इंटेलीजेंस से जुड़े थे. उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा जेआईटी को जो अधिकार दिया गया उसने उसका अतिक्रमण किया और उसके नतीजे उन दस्तावेजों पर आधारित हैं जिनकी पाकिस्तानी कानून के मुताबिक साक्ष्य के तौर पर कोई कीमत नहीं है.

शरीफ अगर यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में हार जाते हैं तो इससे उनका प्रधानमंत्री पद खतरे में पड़ सकता है और पाकिस्तान में एक बार फिर उथल-पुथल हो सकती है. शरीफ इस्तीफा देने से इनकार कर चुके हैं और जेआईटी की रिपोर्ट को ‘‘आरोपों और अटकलों’’ का पुलिंदा बता चुके हैं. पद पर बने रहने के उनके फैसले पर पिछले हफ्ते मंत्रिमंडल भी मुहर लगा चुका है.

हालांकि उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यों वाली पीठ ने पाया कि शरीफ ने अपने आयकर रिटर्न के फॉर्म में अपनी सभी संपत्तियों और आय के स्रोतों का विवरण नहीं दिया है. न्यायमूर्ति एजाज अफजल ने शरीफ के वकील को बताया कि शरीफ परिवार ने रुपये के लेनदेन का विवरण नहीं दिया है जिससे यह स्थापित हो सके कि लंदन के फ्लैट कानूनी रूप से खरीदे गये हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले दिन से उनके सामने आकर रुपयों के लेन-देन की जानकारी उपलब्ध कराने का इंतजार कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि अदालत इस मामले में साक्ष्यों के आधार पर फैसला लेगी और वह जेआईटी के निष्कर्षों के प्रति बाध्य नहीं है.

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