कौन है वह रईस आदमी जो facebook और Google से मांग रहा है पैसे...
Advertisement

कौन है वह रईस आदमी जो facebook और Google से मांग रहा है पैसे...

न्‍यूज कॉरपोरेशन के एक्‍जीक्‍यूटिव चेयरमैन और मीडिया दिग्‍गज रूपर्ट मर्डोक ने इन दिग्‍गज टेक कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

फेसबुक ने जनवरी में अपने न्‍यूज फीड के एल्‍गोरिथम में बदलाव का फैसला किया है.

इस जनवरी में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक (Facebook) ने अपने प्‍लेटफॉर्म पर बढ़ते न्‍यूज कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए अपनी न्‍यूज फीड में बदलाव करने का फैसला किया है. इसका मकसद ओरिजिनल कंटेंट को बढ़ावा देना और फेक न्‍यूज को बाहर का रास्‍ता दिखाना है. इसका सीधा असर दुनिया भर के मीडिया इंडस्‍ट्री पर पड़ रहा है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि इस तरह की सोशल साइटों के माध्‍यम से कई वेबसाइटों को यूजर मिल रहा था. अब इस ट्रैफिक में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. मीडिया इंडस्‍ट्री को हो रहे इस नुकसान के खिलाफ इस क्षेत्र के कई दिग्‍गजों ने फेसबुक के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. इनका कहना है कि फेसबुक का यह कदम मनमाना है और 200 करोड़ यूजर बेस वाली इस सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट का एकाधिकार होने के चलते ऐसा किया जा रहा है. इसी तरह की शिकायत गूगल (Google) के खिलाफ भी की जा रही है. विज्ञापनों को तरजीह देने के मसले पर कई कंपनियों ने आपत्ति उठाई है.

  1. फेसबुक ने अपने न्‍यूज फीड में बदलाव किया
  2. इसका असर मीडिया संगठनों पर पड़ रहा है
  3. मर्डोक ने प्रीमियम कंटेंट के बदले फीस की मांग की

इसी कड़ी में न्‍यूज कॉरपोरेशन के एक्‍जीक्‍यूटिव चेयरमैन और मीडिया दिग्‍गज रूपर्ट मर्डोक ने इन दिग्‍गज टेक कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल मर्डोक का कहना है कि ये टेक कंपनियां अपने प्‍लेटफॉर्म पर प्रीमियम कंटेंट को तो परोसने की बात कर रही हैं लेकिन बदले में पब्लिशिंग कंपनी को तो कुछ खास हासिल नहीं हो रहा है. इसलिए उन्‍होंने इनसे कहा है कि यदि आप बेहतर क्‍वालिटी का कंटेंट पब्लिशिंग कंपनियों से चाहते हैं तो उसके लिए आपको इन कंपनियों को पैसे देने होंगे. इसलिए मीडिया संगठनों और यूजर के लिए प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध कराने वाली टेक कंपनियों के बीच लाइसेंसी करार होना चाहिए. इसके तहत ये मीडिया संगठन बेहतरीन क्‍वालिटी की सामग्री फेसबुक जैसी सोशल साइटों को उपलब्‍ध कराएंगे, उसके बदले में उनको पेमेंट करना होगा. 

फेसबुक का बड़ा खुलासा : 20 करोड़ अकाउंट फर्जी, भारत में सबसे ज्यादा

केबल इंडस्‍ट्री का हवाला
अपने तर्क में रूपर्ट मर्डोक ने केबल इंडस्‍ट्री का हवाला दिया है. दरअसल इस व्‍यवस्‍था के तहत केबल और सैटेलाइट टीवी प्रसारक प्रोग्रामों के प्रसारण के लिए लोकल केबल स्‍टेशनों को फीस देते हैं. अमेरिका में केबल ऑपरेटरों और स्‍टेशनों के बीच इस तरह का समझौता 1992 से लागू है. इसको बाकायदा कानूनी आधार दिया गया है. इस तरह की कैरिज फीज की मांग रूपर्ट मर्डोक भी टेक कंपनियों से कर रहे हैं. इनका कहना है कि यदि आप सटीक, विश्‍वसनीय, उपयोगी सामग्री अपने प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से यूजर तक पहुंचाना चाहते हैं तो इसके लिए ऐसी मीडिया कंपनियों को भुगतान करिए.

रूपर्ट मर्डोक का बयान
पिछले दिनों रूपर्ट मर्डोक ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा, ''यदि फेसबुक 'विश्‍वसनीय' और भरोसेमंद पब्लिशर को चिन्हित करना चाहता है तो केबल कंपनियों द्वारा अपनाए गए मॉडल के आधार पर पब्लिशर को कैरिज फीस भी उपलब्‍ध कराई जानी चाहिए. पब्लिशर अपने न्‍यूज और कंटेट के माध्‍यम से निश्चित रूप से फेसबुक की वैल्‍यू बढ़ा रहे हैं लेकिन इसके बदले में उनको अपेक्षित भुगतान नहीं हो रहा है. कैरिज फीस से फेसबुक के लाभ पर मामूली असर पड़ेगा लेकिन पब्लिशर और पत्रकारों पर इसका व्‍यापक प्रभाव पड़ेगा.'' इसके पीछे मर्डोक का तर्क यह भी है कि इस दौर में ऑनलाइन विज्ञापन बिजनेस की दुनिया में फेसबुक और गूगल का एकाधिकार है, लिहाजा इसका सीधा जर्नलिज्‍म बिजनेस से भी है. इसलिए दोनों एक दूसरे से काफी हद तक जुड़े हुए हैं.

फेसबुक अपनी न्यूज फीड में कर रहा बदलाव, 6 देशों में कर रहा टेस्टिंग

फेसबुक का फैसला
2016 के अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनावों के दौरान फेसबुक जैसी सोशल साइटों पर कई तरह के झूठे, भ्रामक प्रचार सामग्री देखने को मिली. इस बात पर बहस भी छिड़ी कि चुनावों में असर डालने के मंसूबों के साथ ऐसी फेक न्‍यूज परोसी गई. नतीजतन फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इस जनवरी में घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी अपने न्‍यूज फीड एल्‍गोरिथम में बदलाव करने जा रही है. इसके साथ ही कंपनी ने यह भी घोषणा करते हुए कहा कि न्‍यूज स्रोतों की विश्‍वसनीयता की जांच के लिए वह यूजर सर्वे भी कर रही है. इसका सीधा असर यह देखने को मिल रहा है कि न्‍यूज की तुलना में फेसबुक फैमिली और फ्रेंड से जुड़ी पोस्‍ट को अधिक तरजीह दे रहा है और विश्‍वसनीय सूचना को ही आगे बढ़ाने की कवायद कर रहा है.

Trending news