धार्मिक मान्यता है कि ब्रह्म कमल स्वयं सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का पुष्प है. कहा जाता है कि इस फूल पर स्वंय ब्रह्मा जी विराजमान हैं और इसी फूल से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई थी.
ब्रह्म पुष्प को लेकर कहा जाता है कि इस पर साल में एक बार ही कुछ घंटे के लिए फूल खिलता है. फूल को लेकर मान्यता है कि भगवान शिव ने भगवान गणेश के कटे हुए मस्तिष्क पर ब्रह्म कमल से ही जल छिड़का था. इसलिए भी इस फूल का विशेष महत्व बताया जाता है.
इस फूल को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसे लगाने से व्यक्ति के बिगड़े काम बनने लग जाते हैं. आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है और सुख-समृद्धि का वास होता है.
कहा जाता है कि ये फूल अगर भगवान शिव को चढ़ाया जाए, तो वे तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं. वहीं, इसे घर में लगाने से भी परिवार और घर दोनों पर भगवान शिव की कृपा बरसती है. ऐसा माना जाता है कि जैसे-जैसे ये फूल खिलता है, वैसे-वैसे भक्तों का भाग्य बदलता है.
ब्रह्म कमल को लेकर कहा जाता है कि ये फूल न केवल घर की शोभा बढ़ाता है, बल्कि भाग्य भी चमकाता है. ये फूल भगवान शिव को बेहद प्रिय है. ये हिमालय के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति इसे खिलते हुए देख लेता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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