कुबेर देव को कोषाअध्यक्ष के नाम से भी दाना जाता है. हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उस पर कुबेर देव की कृपा बनी रहे. इसके लिए वे हर संभव प्रत्यन करता है. वास्तु शास्त्र में ऐसे ही कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने पर व्यक्ति के धन लाभ के योग बनते हैं. कई बार जानकारी के अभाव में व्यक्ति ऐसी गलती कर बैठता है, जिससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं. जानें कुबेर देव की दिशा कौन सी होती है और वहां किन चीजों को रखने से लाभ होगा.
कुबेर भगवान की जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा-भक्ति से पूजा करता है उसे जीवन में धन का अभाव नहीं होता. सफलता ऐसे व्यक्ति के कदम चूमती है और वह तरक्की करता है. इसिलए रोजाना शास्त्रोक्त विधि से कुबेर भगवान की पूजा करें. इससे आर्थिक तंगी तो दूर होगी ही साथ ही घर में खुशियां आएंगी.
कुबेर यंत्र को घर में रखना भी धन आगमन जैसा है हालांकि इसे रखने के लिए इसी दिशा के बारे में जानना जरूरी है. वास्तु शास्त्र के अनुसार कुबेर यंत्र को हमेशा घर की उत्तर-पूर्व में लगाना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
ज्योतिष शास्त्र में कुबेर देव को उत्तर दिशा का स्वामी कहा जाता है. वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में वॉटर फाउंटेन लगाना शुभ माना जाता हैं. कहते हैं इस दिशा में वॉटर फाउंटेन लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे घर में बरकत बनी रहती है और धन-दौलत की कबई कमी नहीं होती.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में तिजोरी रखनी चाहिए. कहते हैं इस दिशा में तिजोरी रखना से पैसों में वृद्धि होने लगती है, वहीं अगर किसी व्यक्ति को आर्थिक संकट है तो वह भी दूर हो जाता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उत्तर दिशा में जूते-चप्पल न रखें. यह दिशा कुबेर भगवान की दिशा मानी जाती है इस दिशा में जूते-चप्पल रखने से कुबेर भगवान का अपमान होता है.
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