Rules of Puja: मां आदिशक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि शुरू हो चुकी है. इस दौरान 9 दिन तक भक्त पूरी श्रद्धा से मां की उपासना करेंगे और विधि-विधान से पूजा करेंगे. हालांकि, पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इस दौरान कई सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है. इन वस्तुओं को भी इस्तेमाल करने के कुछ नियम हैं. इन नियमों का पालन न करने से पूजा का फल नहीं मिलता है
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के लिए घर में मंदिर बनाया जाता है. यहां घर के सदस्यों द्वारा रोजाना पूजा-अर्चना की जाती है. कई बार पूजा करने के बावजूद भी उसका फल प्राप्त नहीं हो पाता है. इसकी वजह पूजा के दौरान की जाने वाली गलतियां हो सकती हैं.
भगवान की मूर्ति को भी कभी जमीन पर नहीं रखना चाहिए. इन्हें मंदिर में चौकी, साफ कपड़े या किसी पूजा की थाली में ही स्थापित करना चाहिए. जमीन में भगवान की मूर्ति रखना अपमान माना जाता है. इससे घर में परेशानियां खड़ी होने लगती है.
हिंदू धर्म के अनुसार, घर में शंख बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इससे घर में बरकत आती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. शंख में मां लक्ष्मी का वास माना गया है. ऐसे में कभी भी पूजा स्थल में शंख को जमीन पर नहीं रखना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो सकती हैं और धन हानि का सामना करना पड़ सकता है.
दीपक को मंदिर के महत्वपूर्ण सामग्री में से एक माना जाता है. पूजा के समय रोजाना सुबह और शाम इसको जलाया जाता है. अक्सर लोग दीपक को जलाने से पहले या बाद में जमीन पर रख देते हैं. ऐसा करना गलत माना जाता है. दीपक को जलाने के बाद मंदिर में ही रखना चाहिए. इसके लिए थाली, स्टैंड या प्लेट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
आभूषण या जेवरातों का संबंध विभिन्न ग्रहों से हो सकता है. इन्हें शुभता का प्रतीक माना जाता है. कई लोग भगवानों को सजाने में आभूषणों का प्रयोग करते हैं. ऐसे में इन्हें कभी जमीन पर नहीं रखना चाहिए. इन्हें साफ कपड़े में रखा जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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