अन्न दान- पितृ पक्ष के दौरान अन्न का दान सबसे अच्छा दान माना गया है. इन दिनों में या तो आप किसी को भोजन आदि भी करा सकते हैं या फिर किसी गरीब, जरूरमंद और ब्राह्मण को अन्न दान कर सकते हैं. इससे वंश वृद्धि में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आती.
वस्त्र दान- पितृ पक्ष में गरीबों, जरूरतमंद और ब्राह्मण आदि को भोजन कराया जाता है. शास्त्रों के अनुसार आप जिन्हें भी भोजन कराते हैं उन्हें भोजन के साथ वस्त्र दान भी अवश्य करना चाहिए. ब्राह्मण को वस्त्र के रूप में धोती, टोपी, गमछा, आदि दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि पितर अपने वंशजों से इन दिनों में वस्त्रों का कामना करते हैं.
घी का दान- शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में हर चीज के दान का अपना अलग महत्व है. इन दिनों साफ बर्तन में गाय का शुद्ध घी बर्तन सहित दान किया जाता है. ऐसा करने से पारिवारिक संकट से छुटकारा मिलता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसलिए इस दौरान खासतौर पर घी का दान करने की सलाह दी जाती है.
सोना-चांदी का दान- माना जाता है कि इन दिनों सोने की चीजें दान करने से व्यक्ति की गुरु संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं. साथ ही, समस्त रोगों से छुटकारा मिलता है. वहीं, चांदी चंद्रमा का कारक मानी जाती है. इसलिए इन दिनों में चांदी के दान से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है. इससे परिवार में सुख-शांति और एकता बनी रहती है.
काले तिल- धार्मिक मान्यता है कि इन 16 दिनों में काले तिल के दान का विशेष महत्व है. इन दिनों में काले तिल दान करने से व्यक्ति को सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, ग्रह और नक्षत्रों के कारण उत्पन्न होने वाली बाधाओं से छुटकारा मिलता है. साथ ही, संकट दूर होते हैं.
नमक दान- पितृ पक्ष के दौरान नमक का दान करने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, इन दिनों में नमक के दान से पितरों पर कर्ज से भी मुक्ति मिल जाती है. और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
चप्पल दान- ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वजों की संतुष्टी के लिए गरीबों और जरूरमंदों को जूते-चप्पल दान करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है साथ ही शनि और राहु के दोषों से भी छुटकारा मिलता है.
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