Vastu tips for house entrance in Hindi: वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार के वास्तु को बहुत अहमियत दी गई है. घर का मेन गेट यदि वास्तु नियमों के अनुसार हो तो घर में हमेशा सकारात्मकता का संचार होता है. धन की आवक होती है. तरक्की के रास्ते खुलते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे वास्तु टिप्स जो आपकी आर्थिक स्थिति में बेहतरी लाएंगे.
घर का मुख्य द्वार सही दिशा में होना जरूरी है, वरना नकारात्मक ऊर्जा, धन हानि से पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रवेश द्वार उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए. यदि मुख्य द्वार दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में खुले तो घर के बाहर गार्डन जरूर बनाएं.
घर का मुख्य द्वार हमेशा अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए. बेहतर होगा कि ये प्लॉट के बीचों-बीच हो. यदि घर के मुख्य दरवाजे की सीध में अन्य दरवाजे भी हों तो इनकी संख्या 3 नहीं होनी चाहिए.
घर का मुख्य द्वार लकड़ी का ही होना चाहिए. घर का मेन गेट लोहे या स्टील का नहीं होना चाहिए. वरना तरक्की और धन की आवक में रुकावट आती है. घर में शांति नहीं रहती है और कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं.
घर का मुख्य द्वार हमेशा अच्छी स्थिति में होना चाहिए. यह टूटा-फूटा ना हो, इसका कलर निकला हुआ नहीं होना चाहिए. यदि गेट में कांच लगा हुआ हो तो उसमें दरार भी ना हो ये सुनिश्चित कर लें. क्योंकि वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार में ऐसी कोई भी गड़बड़ी बड़े नुकसान का कारण बनती है.
घर के मुख्य द्वार को हमेशा सजाकर रखें. खास मौकों पर मुख्य द्वार पर वंदनवार लगाएं. रोली से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं. मुख्य द्वार के दोनों ओर वास्तु शास्त्र में बताए गए पौधे रखें. ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करे और घर में खुशहाली रहे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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