7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के इस भत्ते में हुई 5 गुना बढ़ोतरी, सैलरी से अलग मिलेंगे 30 हजार रुपये; जानिए कैसे
7th Pay Commission latest news: केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी से अलग कई तरह के फायदे दिए जाते हैं. इनमें इंसेंटिव का भी प्रावधान है. सरकार ने इनमें से एक इंसेंटिव की रकम को 5 गुना तक बढ़ा दिया गया है. आइये जानते हैं कैसे आपको इसका लाभ मिलेगा.
7th Pay Commission latest news: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. कर्मचारियों को सैलरी के साथ कई और भी बेनिफिट्स मिलते हैं. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के अलावा प्रोमोशन और दूसरे भत्तों को भी फायदा मिलता है. इतना ही नहीं, अगर कोई कर्मचारी नौकरी करते हुए ऊंची डिग्री हासिल करता है तो उसे अलग से इस डिग्री का फायदा मिलता है.
केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अब केंद्र सरकार ने ऊंची डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि को 5 गुना तक बढ़ा दिया है. इसके तहत PHD जैसी ऊंची डिग्री वाले कर्मचारियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 10,000 से बढ़ाकर 30,000 रुपये की जा चुकी है.
5 गुना बढ़ा प्रोत्साहन भत्ता (Incentive for fresh higher education)
कार्मिक मंत्रालय (Ministry of Personnel) ने ऊंची डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के लिए 20 साल पुराने नियमों में संशोधन किया है. नए नियम के तहत अब तक नौकरी के दौरान उच्च डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों को एकमुश्त 2000 रुपये से 10000 रुपये तक का प्रोत्साहन भत्ता (Incentive) दिया जाता था. लेकिन संशोधन के बाद, साल 2019 से इस प्रोत्साहन राशि को न्यूनतम 2000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया.
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किसे कितना मिलेगा फायदा?
- नए नियम के तहत 3 साल या इससे कम की डिग्री डिप्लोमा करने पर 10,000 रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाएंगे, 3 साल से ज्यादा की डिग्री या डिप्लोमा करने पर 15000 रुपये दिए जाएंगे.
- 1 साल या कम की स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा करने पर 20,000 रुपये दिए जाएंगे.
- 1 साल से ज्यादा अवधि की स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा लेने वाले कर्मचारियों को 25,000 रुपये डीए जाएंगे.
- PHD या उससे समकक्ष योग्यता हासिल करने वालों को 30,000 रुपये प्रोत्साहन राशि दिए जाएंगे.
इन बातों रखें ध्यान
इसके साथ ही मंत्रालय ने कुछ और शर्तें भी लगाईं है. कार्मिक मंत्रालय ने अपने निर्देशों में कहा है कि शुद्ध अकादमिक शिक्षा (academic education) या साहित्यिक विषयों पर उच्च योग्यता प्राप्त करने पर कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा. कर्मचारी की तरफ से हासिल की गई डिग्री/डिप्लोमा कर्मचारी के पद से जुड़ी होगी, तभी उन्हें इसका फायदा मिलेगा. बताते चलें कि यह बदलाव साल 2019 से प्रभावी हैं.