नई दिल्ली: नए साल में बिजनेस वर्ल्ड से जुड़ी एक बुरी खबर सामने आ रही है. कैश की कमी से जूझ रही जेट एयरवेज ने बैंकों का कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट किया है. जेट एयरवेज को 31 दिसंबर तक SBI नेतृत्व वाली कंसोर्टियम को कर्ज चुकाना था. लेकिन, पैसे का इंतजाम नहीं हो पाया. 30 सितंबर तक कंपनी पर 8052 करोड़ रुपये का कर्ज था. कंपनी की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ महीने से स्टॉफ को भी सैलरी नहीं मिली है. पायलट, इंजीनियर समेत सीनियर स्टॉफ की सैलरी दो महीने बैकलॉग में चल रही है.


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रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार तीन तिमाही में जेट एयरवेज को नुकसान उठाना पड़ा है. जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को करीब 1260 करोड़ का घाटा हुआ था. उससे पहली तिमाही में 1323 करोड़ और जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी को 1036 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.


आर्थिक संकट के चलते जेट एयरवेज ने दिसंबर के पहले हफ्ते में इकोनॉमी क्लास में मिलने वाले फ्री मील को बंद कर दिया था.

कर्ज चुकाने में असफल रहने के बाद जेट एयरवेज और दूसरी सबसे बड़ी शेयर होल्डर एतिहाद एयरवेज बैंक अधिकारियों से बातचीत में लगे हुए हैं. कंपनी को बचाने के लिए संभव है कि एतिहाद कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दे. वर्तमान में जेट एयरवेज में एतिहाद एयरवेज का 24 फीसदी शेयर है.


जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल.

पिछले दिनों जेट एयरवेज (Jet Airways) के संस्थापक और चेयरमैन नरेश गोयल ने कंपनी के कर्मचारियों को चिट्ठी लिखी है. कर्मचारियों को लिखे गए पत्र में गोयल ने गुजारिश की है कि मीडिया रिपोर्ट पर ध्यान दिए बिना अपना काम करें और कंपनी पर भरोसा रखें. साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि मैनेजमेंट मुश्किलों से उबरने के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुटा हुआ है. उन्होंने इस वक्त कंपनी के खर्चों को घटाने और कमाई को बढ़ाने में सभी कर्मचारियों से योगदान करने की भी अपील की.