खराब गाड़ियां बेचने पर ऑटो कंपनी की खैर नहीं, लगेगा 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना, करना होगा रीकॉल
Advertisement
trendingNow1867488

खराब गाड़ियां बेचने पर ऑटो कंपनी की खैर नहीं, लगेगा 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना, करना होगा रीकॉल

Car Recall: अगर आपने कोई कार या बाइक खरीदी है, और उसमें आई किसी खराबी को लेकर परेशान हैं. बार-बार शिकायत करने के बावजूद ऑटो कंपनी आपकी बात नहीं सुन रही है तो अब आपके पास ऑटो कंपनी की शिकायत करने का विकल्प मिलने जा रहा है. 

खराब गाड़ी को Recall करना होगा, नहीं तो लगेगा जुर्माना

नई दिल्ली: Car Recall: अगर आपने कोई कार या बाइक खरीदी है, और उसमें आई किसी खराबी को लेकर परेशान हैं. बार-बार शिकायत करने के बावजूद ऑटो कंपनी आपकी बात नहीं सुन रही है तो आपके लिए राहत की खबर है. सरकार ने ऐसी ऑटो कंपनियों (Auto Companies) पर सख्ती शुरू कर दी है, जो खराब वाहन बेचते हैं या उसमें किसी तरह की खराबी पाई जाती है. सरकार ने गाड़ियां बनाने वाली ऑटो कंपनियों और इंपोर्ट करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है जो ग्राहकों को खराब गाड़ियां बेचते हैं. इसे लेकर सरकार ने एक नोटिफिकेटशन जारी किया है. 

खराब गाड़ी को Recall करना होगा, नहीं तो लगेगा जुर्माना

सरकार ने साफ साफ कहा है कि जो भी गाड़ी बनाने वाली कंपनी खराब वाहन बेचेगी उसे उन गाड़ियों को वापस मंगाना होगा यानी Recall करना होगा. इसमें वो कंपनियां भी शामिल हैं जो गाड़ियों का इंपोर्ट करती हैं. अगर कोई ऑटो कंपनी खराब गाड़ी का रीकॉल नहीं करती है तो उस पर 10 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगेगा.

ये भी पढ़ें- पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन 1 अक्टूबर से महंगा, फिटनेस सर्टिफिकेट लिए भी लगेंगे ज्यादा पैसे, नियम जारी

ग्राहकों से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा

ऑटो कंपनी पर ये जुर्माना गाड़ी में फॉल्ट ठीक करने की लागत के अतिरिक्त होगा. ग्राहक से किसी भी तरह का कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. ऑटो कंपनियों पर ये नियम 1 अप्रैल, 2021 से  लागू हो जाएंगे. नए नियम उन सभी वाहनों पर लागू होंगे जो गाड़ी/कंपोनेंट या फिर सॉफ्टवेयर में ख़राबी के चलते सड़क सुरक्षा या पर्यावरण के लिए नुकसानदायक पाए जाएंगे. 

जल्द ही नियम नोटिफाई होंगे

ये नियम उन मॉडल्स पर लागू होंगे जिनमें सात साल के दौरान शिकायतें पाईं गई हैं. ऐसी कारों को रीकॉल करना जरूरी होगा. सरकार ने रीकॉल करने की सीमा को भी अंतिम रूप दे दिया है, जिसको जल्द ही नोटिफाई किया जाएगा. 

20 परसेंट गाड़ियों में खराबी तो रीकॉल जरूरी

उदाहरण के लिए, एक कार या एसयूवी के मामले में, अगर सालाना 500 गाड़ियां बिकती हैं, इनमें से 20 परसेंट गाड़ियों में  खराबी की शिकायतें मिली (यानी 100 गाड़ियों में) तो रीकॉल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. कारों और एसयूवी के मामले में, सालाना बिक्री 501 और 10,000 यूनिट्स के बीच होती है, शिकायतों की संख्या कम से कम 1,050 होनी चाहिए.

अनिवार्य रीकॉल प्रक्रिया शुरू करने के लिए कम से कम 1,250 यूनिट्स में शिकायत मिलना आवश्यक है. दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए भी इसी तरह के फॉर्मूले पर काम किया गया है. बड़े यात्री वाहनों, बसों और ट्रकों सहित बाकी कैटेगरी के वाहनों के लिए एकसमान फॉर्मूला होगा. इन मामलों में, सालाना बिक्री के 3 परसेंट के बराबर गड़बड़ियों की शिकायत पर रीकॉल की प्रक्रिया शुरू करनी होगी

ग्राहकों के लिए बनेगा शिकायत पोर्टल

सरकार का इरादा वाहन मालिकों के लिए एक पोर्टल स्थापित करने का है ताकि वे अपनी शिकायत दर्ज कर सकें, शिकायतों के आधार पर ऑटो कंपनियों को नोटिस भेजा जाएगा, जिसका जवाब 30 दिन में देना होगा. आपको बता दें कि सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार काफी गंभीर है. सड़क दुर्घटनाओं में मौत की संख्या में 50 परसेंट तक कमी लाने की योजना पर सड़क परिवहन मंत्रालय काम कर रहा है. ये कदम भी उसी दिशा में उठाया गया है. 

ये भी पढ़ें- 14 मार्च को आयुष्मान योजना ने बनाया रिकॉर्ड, एक दिन में इतने लोगों का रजिस्ट्रेशन

LIVE TV

Trending news