नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक टास्क ग्रुप ने भारत को 2025 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक खाका सुझाया है. इसके कुछ अल्पकालिक और कुछ दीर्घकालिक कदम सुझाए गए हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार इन उपायों से कृषि और विनिर्माण क्षेत्र का सकल उत्पाद सालाना एक-एक हजार अरब डॉलर के बराबर तथा सेवा क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 3,000 अरब डॉलर हो सकता है.


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इस कार्यसमूह का गठन औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने किया था. इसमें उद्योग क्षेत्र के भी प्रतिनिधि थे. इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2025 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना संभव है. इसमें कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में नीतिगत सुधार, निवेश बढ़ने और विभिन्न प्रकार की रणनीति अपनाए जाने के सुझाव दिए गए हैं.


चीन, अमेरिका को पीछे छोड़ भारत विश्व में सबसे तेजी से विकास करेगा : विश्व बैंक


इस बीच केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से साल 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.2 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद जताने के बाद मोदी सरकार के लिए एक ओर अच्छी खबर आई है. अब वर्ल्ड बैंक की तरफ से उम्मीद जताई गई है कि भारत साल 2018-19 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बना रहेगा. मंगलवार को जारी रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.3 फीसदी की दर से बढ़ेगा. वहीं चीन का विकास दर 6.3 प्रतिशत ही रहने की उम्मीद है.


विश्व बैंक के अनुसार, भारत की जीडीपी 2018-19 में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. यह आंकड़ा अगले दो वित्तीय वर्षों में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. जीडीपी में यह बढ़त बढ़ी हुई खपत और निवेश का परिणाम है. नोटबंदी और जीएसटी के कारण अस्थायी मंदी के बाद अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आ रही है. विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में भारत की अर्थव्यवस्था में जीएसटी और नोटबंदी के कारण गिरावट आई थी. 2017 में चीन की विकास दर 6.9 प्रतिशत रही, जबकि भारत की जीडीपी वृद्धि 6.7 प्रतिशत थी. वर्ल्ड बैंक प्रॉस्पेक्ट्स के ग्रुप डायरेक्टर अहान कोसे ने कहा कि भारत का ग्रोथ आउटलुक अभी भी मजबूत है. भारत अब भी सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है.