सरकार हर महीने 30,000 रुपये कमाने का देगी मौका! कॉलेज डिग्री की जरूरत नहीं, सिंधिया ने किया ऐलान
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सरकार हर महीने 30,000 रुपये कमाने का देगी मौका! कॉलेज डिग्री की जरूरत नहीं, सिंधिया ने किया ऐलान

India needs around 1 lakh drone pilots: नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है. सरकार जल्दी ही ड्रोन पायलट की लाखों भर्ती करने वाली है. इसके लिए कॉलेज की डिग्री की भी जरूरत नहीं होगी. सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये जानकारी दी है. 

Jyotiraditya Scindia

India Needs Drone Pilots: अगर आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं और आपके पास कॉलेज की डिग्री नहीं है, फिर भी आप 30,000 तक की सरकारी नौकरी पा सकते हैं. सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कहा कि आने वाले सालों में देश को लगभग एक लाख से ज्यादा ड्रोन पायलट्स की भारती करनी होगी. केंद्रीय मंत्रालय देशभर में ड्रोन सर्विस (Drone service) की स्वदेशी मांग को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में ड्रोन पायलट्स (drone pilot) की बंपर भर्ती की जरूरत है.

कॉलेज की डिग्री की नहीं होगी जरूरत 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, '12वीं कक्षा पास करने वाले व्यक्ति ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग ले सकते हैं. इसके लिए किसी कॉलेज की डिग्री की जरूरत नहीं होती है. आने वाले सालों में करीब एक लाख ड्रोन पायलट्स की जरूरत होगी. इसके लिए बस दो-तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी.एक व्यक्ति लगभग 30,000 रुपये के मासिक वेतन के साथ ड्रोन पायलट की नौकरी कर सकते हैं.'

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भारत बनेगा ग्लोबल ड्रोन हब

दिल्ली में ड्रोन पर नीति आयोग के एक्सपीरियंस स्टूडियो को लॉन्च करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'साल 2030 तक भारत को ग्लोबल ड्रोन हब बनाने का हमारा लक्ष्य है. हम विभिन्न इंडस्ट्रीयल और डिफेंस रिलेटेड सेक्टर में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं.  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि नई तकनीक का विकास हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक नई तकनीक की पहुंच हों.'

जानिए सरकार की योजना

एविएशन मंत्री सिंधिया ने बताया कि सरकार ड्रोन सेवाओं को सुलभ बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम ड्रोन सेक्टर को तीन पहियों पर आगे ले जा रहे हैं. पहला पहिया पाॅलिसी का है. आपने देखा है कि हम कितनी तेजी से पाॅलिसी को लागू कर रहे हैं. दूसरा पहिया इनिशिएटिव पैदा करना है. वहीं, तीसरा पहिया स्वदेशी मांग पैदा करना है और 12 केंद्रीय मंत्रालयों ने उस मांग को पैदा करने की कोशिश की है. 

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