कारोबार सुगमता रैंकिंग: वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट से जेटली गदगद, और सुधारों का जताया संकल्प
इसके साथ ही जेटली ने कहा कि छोटे निवेशकों का ध्यान रखने के मामले में भी भारत दुनिया के 5 देशों में शामिल हो गया है.
नई दिल्ली: विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की उछाल से उत्साहित वित्त मंत्री अरुण जेटली अरुण जेटली ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को सुधारों को जारी रखने का संकल्प लिया ताकि देश को इस रैंकिंग में 50 शीर्ष देशों में आने में मदद मिले. विश्व बैंक की रपट जारी होने के तुरंत बाद मीडिया को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि भारत एकमात्र प्रमुख देश है जिसका जिक्र संस्थागत सुधारों का बीड़ा उठाने के लिए किया गया है. उल्लेखनीय है कि भारत ने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट रैंकिंग में लंबी छलांग लगायी है. देश की रैंकिंग 30 पायदान सुधरकर 100वें स्थान पर पहुंच गयी.
नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी. पिछले साल यह 130 थी. जेटली ने कहा,‘वर्ष 2014 में हम 142वें पायदान पर थे. बीते दो साल में हम 131वें व 130वें स्थान पर थे. यह सामान्य रैंकिंग नहीं है. यह विशेष क्षेत्रों के लिए होती है और वे इस रैंकिंग के लिए कड़े मानक अपनाते हैं.’ उन्होंने कहा कि रैंकिंग में यह ‘सबसे बड़ी उछाल’ सभी 10 प्रमुख मानकों में बीते 3, 4 साल में हुए महत्वपूर्ण सुधारों के कारण ही संभव हो सकी है. इन सुधारों के चलते भारत में कारोबार करना आसान हुआ है.
कारोबार सुगमता में भारत की लंबी छलांग, चीन दूसरी बार 78वें स्थान पर
दिवाला एवं शोधन संहिता समेत सुधारों की श्रृंखला के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के संदर्भ में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है. विश्व बैंक की ‘कारोबार सुगमता रिपोर्ट/ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. यह पहला मौका है जब भारत ने कारोबार सुगमता के किसी भी पैमाने पर शीर्ष पांच देशों में जगह सुरक्षित की है.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत ने छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा, ऋण उपलब्धता और विद्युत उपलब्धता के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है. देश के कंपनी कानून और प्रतिभूति नियमन को काफी उन्नत माना गया है. भारत को छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के पैमाने पर विश्व में चौथे स्थान पर रखा जा रहा है.’ विश्व बैंक की हालिया ‘डूइंग बिजनेस 2018: रिफॉर्मिंग टू क्रियेट जॉब्स’ रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल के दौरान भारत ने सुधारों के 10 में से आठ क्षेत्रों में उल्लेखनीय बेहतर प्रदर्शन किया है.
(इनपुट एजेंसी से भी)