नई दिल्ली : बजट से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के सामने उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए नीतिगत स्थिरता, कर सुधार तथा त्वरित निर्णय की जरूरत पर बल दिया है।


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वित्त मंत्री ने मंगलवार को यहां उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के अधिकारियों से आयकरदाताओं के साथ विनिम्रता का व्यवहार रखने पर कर चोरी करने या चकमा देने वालों से सख्ती से पेश आने को कहा।


सीमा शुल्क अधिकारियों के अलंकरण समारोह में उन्होंने कहा, ‘जिन पर देनदारी बनती है, उन्हें निश्चित रूप से उसका भुगतान करना चाहिए..कर चोरी करने वाले या कर देने से बचने वालों को ऐसे ही जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही, करदाताओं के साथ पर्याप्त विनम्रता रखने रखने की जरूरत है।’


जेटली ने कहा, ‘इस अवसर का बेहतर उपयोग करने के लिये हमें दो बड़ी चिंताओं को दूर करना है..त्वरित निर्णय तथा नीतिगत मामलों में स्थिरता एवं कर ढांचा तथा प्रशासन में सुधार।’ उन्होंने कहा, ‘निवेशकों तथा आयरकरदाताओं के प्रति रूख और मन:स्थिति दोनों में बदलाव की जरूरत है। हममें प्रतिवादिता भाव से मुक्त ऐसे कर प्रशासन की जरूरत है जो निवेशक तथा आयकरदाताओं दोनों के लिये अनुकूल हो।’


वित्त मंत्री जेटली अगले महीने 28 तारीख को लोकसभा में बजट पेश करेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.1 प्रतिशत करने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।


उन्होंने कहा, ‘हालांकि विनिर्माण उद्योग में धीमी रफ्तार से राजस्व चुनौतीपूर्ण बना हुआ है लेकिन स्थिति अब बदल रही है और ऐसा लगता है कि हम राजकोषीय लक्ष्य को पूरा कर लेंगे।’ जेटली ने कहा कि पिछले 2-3 साल में विनिर्माण क्षेत्र में धीमी गति से राजस्व संग्रह प्रभावित हुआ है लेकिन इसमें भी स्थिति बदल रही है। विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति अच्छी है और चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति भी बेहतर है।


चालू खाते का घाटा चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी का 2.1 प्रतिशत या 10.1 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल की इसी अवधि के 1.2 प्रतिशत से अधिक है। सोने के आयात में वृद्धि से कैड बढ़ा।