दिल्ली-NCR में बढ़ी प्रॉपर्टी की डिमांड, खाली पड़े मकानों की संख्या 57% घटी
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दिल्ली-NCR में बढ़ी प्रॉपर्टी की डिमांड, खाली पड़े मकानों की संख्या 57% घटी

दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी के रेट लगातार बढ़ रहे हैं. फ्लैट सेल प्राइस से लेकर रेंट तक में बढ़ोतरी हुई है. ऑफिसों में वर्क फ्रॉम होम खत्म होने के बाद लोग अपने वर्क प्लेस पर लौट रहे हैं. इसके साथ ही घरों की डिमांड बड़ रही है.

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Delhi-NCR Real Estate: दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी के रेट लगातार बढ़ रहे हैं. फ्लैट सेल प्राइस से लेकर रेंट तक में बढ़ोतरी हुई है. ऑफिसों में वर्क फ्रॉम होम खत्म होने के बाद लोग अपने वर्क प्लेस पर लौट रहे हैं. इसके साथ ही घरों की डिमांड बड़ रही है. बीते कुछ सालों में प्रॉपर्टी प्राइस से लेकर रेंट में बढ़ोतरी हो रही है. डिमांड बढ़ी तो खाली पड़े फ्लैटों की संख्या घटने लगी. इस साल खाली पड़े घरों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है.  दिल्ली में खाली पड़े मकानों की संख्या छह साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. हालिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में खाली पड़े मकानों की संख्या छह साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है.  

मार्च तिमाही तक दिल्ली में खाली पड़े मकानों की संख्या 57 फीसदी गिरकर 86420 रह गई है. रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक की नई रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बिना बिके मकानों की संख्या घटकर 86,420 हो गई, जो मार्च, 2018 के अंत में 2,00,476 इकाई थी. इसी अवधि में दक्षिणी शहरों बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में खाली पड़े घरों की संख्या घटकर 2024 की पहली तिमाही में 1.76 लाख इकाई रह गई. 2018 की पहली तिमाही में यह 1.96 लाख इकाई थी. एनारॉक के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार ने कहा, एनसीआर बाजार के लिए जो चीज वास्तव में काम आई, वह नई आपूर्ति को नियंत्रण में रखने के लिए डेवलपर का दृढ़ संकल्प था. एनारॉक के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एनसीआर में 2018 की पहली तिमाही से 2024 की पहली तिमाही के बीच करीब 1.81 लाख इकाइयों की नई पेशकश देखी गई.

आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम में बिना बिके मकानों की संख्या 53,136 इकाई से घटकर 33,326 इकाई हो गई. नोएडा में 25,669 इकाइयों से 71 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,451 इकाइयां रह गईं. ग्रेटर नोएडा में 61,628 इकाइयों के मुकाबले 70 प्रतिशत गिरकर 18,668 इकाई और गाजियाबाद में 37,005 इकाइयों से 70 प्रतिशत घटकर 11,011 इकाई रही.फरीदाबाद, दिल्ली और भिवाड़ी में संयुक्त रूप से मार्च 2018 के अंत के 23,038 इकाइयों से 31 मार्च, 2024 तक इनकी संख्या 31 प्रतिशत घटकर 15,964 इकाई रह गई.आंकड़ों पर क्रिसुमी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा कि विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर में बिना बिकी मकानों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई. 

यह हाल के वर्षों में मजबूत मांग का संकेत है। जैन ने कहा, आवास की उच्च मांग आधुनिक, शानदार और एकीकृत जीवन शैली चाहने वालों द्वारा प्रेरित है.  गौड़ समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने आवासीय संपत्तियों की उच्च मांग को इसकी प्रमुख वजह बताया। उन्होंने कहा, वर्तमान में आपूर्ति और मांग का अंतर स्वस्थ स्तर पर बना है. 

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