हेल्‍दी ड्र‍िंक कहकर नहीं बेचें Bournvita, सरकार ने ई-कॉमर्स कंपन‍ियों को द‍िया आदेश
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हेल्‍दी ड्र‍िंक कहकर नहीं बेचें Bournvita, सरकार ने ई-कॉमर्स कंपन‍ियों को द‍िया आदेश

मंत्रालय की तरफ से जारी नोट‍िफ‍िकेशन में कहा गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने जांच के बाद यह पाया क‍ि FSSA अधिनियम के तहत हेल्‍दी ड्र‍िंक को परिभाषित नहीं किया गया है.

हेल्‍दी ड्र‍िंक कहकर नहीं बेचें Bournvita, सरकार ने ई-कॉमर्स कंपन‍ियों को द‍िया आदेश

FSSA Latest News: अगर आप भी अपने लाडले को Bournvita प‍िलाते हैं तो इस खबर से आपका अपडेट होना जरूरी है. जी हां, सरकार के नए आदेश के बाद बॉर्नवीटा (Bournvita) और दूसरे कुछ ब्रांड को झटका लगा है. मनी कंट्रोल में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार म‍िन‍िस्‍ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्री ने सभी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को Bournvita के साथ ही अन्‍य कुछ पेय पदार्थों को हेल्‍दी ड्र‍िंक (Healthy Drink) की कैटेगरी से हटाने के ल‍िए कहा है. आदेश को 10 अप्रैल से प्रभावी क‍िया गया है.

हेल्‍दी ड्र‍िंक को परिभाषित नहीं किया गया

नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्‍शन ऑफ चाइल्‍ड राइट (NCPCR) ने यह निष्कर्ष निकाला कि 'एफएसएस एक्‍ट 2006, एफएसएसएआई और मोंडेलेज इंडिया की तरफ से प्रस्तुत नियमों के तहत क‍िसी को हेल्‍दी ड्र‍िंक नहीं कहा गया है. मंत्रालय की तरफ से जारी नोट‍िफ‍िकेशन में कहा गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने जांच के बाद यह पाया क‍ि FSSA अधिनियम के तहत हेल्‍दी ड्र‍िंक को परिभाषित नहीं किया गया है.

हेल्‍दी ड्र‍िंक कैटेगरी से हटाने की सलाह
10 अप्रैल को जारी नोट‍िफ‍िकेशन के अनुसार, सभी ई-कॉमर्स कंपनियों / पोर्टलों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी साइट / प्लेटफार्म से हेल्‍दी ड्र‍िंक कैटेगरी से ड्र‍िंक सहित बॉर्नविटा को हटा दें. इससे पहले अप्रैल महीने की ही शुरुआत में फूड सेफ्टी एंड स्‍टैंडर्ड अथॉर‍िटी ऑफ इंड‍िया (FSSAI) ने ई-कॉमर्स वेबसाइट को डेयरी, अनाज या माल्ट बेस्‍ड ड्र‍िंक को हेल्‍दी ड्र‍िंक या एनर्जी ड्र्र‍िंक की कैटेगरी में नहीं रखने के लिए कहा था.

ग्राहक गुमराह हो सकते हैं
FSSAI का तर्क था कि देश के खाद्य कानूनों में हेल्‍दी ड्र‍िंक  शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, जबकि कानून के अनुसार एनर्जी ड्र‍िंक केवल फ्लेवर्ड बेस्‍ड ड्र‍िंक है. इसके अलावा, FSSAI ने कहा कि गलत शब्दों का इस्तेमाल ग्राहकों को गुमराह कर सकता है. इसलिए वेबसाइटों को विज्ञापन को हटाने या फ‍िर उनमें संशोधन करने के ल‍िए कहा गया है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की हेड प्रियंका कानूनगो ने भी वाणिज्य मंत्रालय, एफएसएसएआई और कई राज्य सरकारों को इस बारे में पत्र ल‍िखा था. इस पत्र में उपभोक्ता मामलों के विभाग को पत्र लिखकर कहा गया था क‍ि बॉर्नविटा समेत क‍िसी भी ड्र‍िंक को हेल्‍दी ड्र‍िंक की कैटेगरी के तहत नहीं बेचा जाना चाहिए.

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