नई दिल्ली: Stimulus Package: पूरा देश इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रहा है, अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. अब सरकार ने प्रभावित सेक्टर्स पर इस महामारी का आंकलन शुरू कर दिया है, और उन्हें इस मुश्किल की घड़ी से उबारने के लिए एक और राहत पैकेज लाने की तैयारी कर रही है.  


एक और राहत पैकेज की तैयारी !


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एविएशन, होटल व्यवसाय और टूरिज्म ने अभी उबरना शुरू ही किया था कि अचानक आई इस दूसरी कोरोना लहर ने फिर से उन्हें तगड़ी चोट पहुंचाई है. सूत्रों के मुताबिक इन सेक्टर्स को सरकार की तरफ से तत्काल प्रभाव से आर्थिक मदद की जरूरत है. इसके अलावा कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाले सेक्टर MSME को भी इस दूसरी लहर में गहरा धक्का लगा है, इसे भी वित्तीय मदद की जरूरत है.  


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MSME सेक्टर को मिलेगा बूस्टर डोज


सूत्रों के मुताबिक इन सेक्टर्स को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए सरकार मौजूदा Emergency Credit Line Guarantee Scheme में ही कुछ बदलाव कर सकती है. मौजूदा समय में करीब 6.5 करोड़ MSMEs देश की जीडीपी में 30 परसेंट का योगदान करते हैं. हाल ही में रिजर्व बैंक ने भी महामारी से प्रभावित छोटे कर्जदारों के लिए लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम का ऐलान किया था. हालांकि सूत्रों का कहना है कि स्टिमुलस पैकेज तभी कारगर है जब राज्यों के लॉकडाउन में ढील मिले और कर्फ्यू की वजह से कारोबार लगी पाबंदिया हट जाएं. कई राज्यों ने संक्रमण पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन लगा रखा है


नीति आयोग कर रहा है पैकेज पर काम!


सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग इकोनॉमी के फोकस एरिया पर काम कर रहा है, एक बार जब नीति आयोग कोई प्लान तैयार कर लेगा, वित्त मंत्रालय उस पर फैसला करेगा. महामारी का इकोनॉमी पर असर कम करने के लिए RBI ने भी चरणद्ध तरीके से कई राहत पैकेजों का ऐलान किया था, जिससे इसकी कुल वैल्यू 30 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई थी, जो कि देश की कुल जीडीपी का 15 परसेंट है. 


महामारी में दिए गए कई राहत पैकेज 


आपको बता दें कि पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी से प्रभावित इकोनॉमी को सहारा देने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था. सरकार का ये राहत पैकेज कुल 27.1 लाख करोड़ रुपये का था, जो कि कुल जीडीपी का 13 परसेंट से भी ज्यादा था. सबसे पहले केंद्र सरकार ने मार्च 2020 में गरीबों और कमजोर वर्ग को महामारी के प्रभाव से बचाने के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना  (PMGKP) का ऐलान किया. 


आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0


फिर इसके बाद आत्मनिर्भर भारत योजना का ऐलान मई 2020 में हुआ. जिसका ज्यादातर फोकस सप्लाई साइड बिंदुओं और लंबी अवधि रिफॉर्म को लेकर था. आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत सरकार ने नवंबर 2020 में दिवाली से पहले भी 2.65 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. जिसमें से 1.45 लाख करोड़ रुपये मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में जान फूंकने के लिए दिया गया.


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