GST on Ola Uber: आम जनता को महंगाई का फिर झटका लगने वाला है. अब ऐप बेस्ड कैब सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से बुक किए गए ऑटो के किराये पर भी जीएसटी (GST on Auto Fare) लगाने का फैसला किया गया है.
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नई दिल्ली: नए साल में भी आम जनता को महंगाई का तगड़ा झटका लगने वाला है. एक जनवरी से कई सर्विसेज और सामानों पर टैक्स (GST) बढ़ रहा है. आपको बता दें कि कई चीजें जो अब तक टैक्स के दायरे से बाहर थीं उन्हें भी अब टैक्सेबल (Taxable) बनाया जा रहा है.
यानी अब लोगों की जेब फिर से ढीली होने वाली है. इसी क्रम में जो ओला (Ola) या उबर (Uber) जैसी ऐप बेस्ड कैब सर्विस (App Based Cab Service Provider) को यूज करने वाले ग्राहकों को भी अब ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.
जीएसटी काउंसिल (GST Council) साल 2021 में अपनी पिछली बैठक में टैक्स को लेकर कई फैसले कीये हैं. जैसे- 1000 रुपये से कम के रेडीमेड कपड़ों और जूतों पर जीएसटी (GST on Readymade Garments and Shoes) की दर पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है.
वहीं, ऑनलाइन फूड ऑर्डर (GST on Online Food Order) पर अब रेस्टोरेंट के बजाय डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर से ही टैक्स वसूला जाएगा. इसके अलावा अब ऐप बेस्ड कैब सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से बुक किए गए ऑटो के किराये पर भी जीएसटी (GST on Auto Fare) लगाए जाने का फैसला किया गया है.
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हालांकि, जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से सामान्य ऑटो के किराये पर असर नहीं होगा क्योंकि ये अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. दरअसल, सरकार ऐप से ऑटो बुक करने वाले कम्यूटर्स को प्रीमियम कैटेगरी में रखती है इसीलिए, अब ऐप बेस्ड कैब के साथ ही ऐप बेस्ड ऑटो को भी जीएसटी के दायरे में लाया जा रहा है.
अब सवाल है कि इससे आम जनता पर क्या असर पड़ेगा. सरकार के इस फैसले से आम लोगों पर किराये का बोझ बढ़ सकता है. दरअसल, अभी तक ग्राहक ऑटो चालकों की मनमानी से बचने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करना पसंद करते थे. लेकिन इस फैसले के बाद, अब ये बुकिंग सुविधा पहले की अपेक्षा पांच फीसदी महंगी होने जा रही है. यानी अब ऑफलाइन बुकिंग में ऑटो ड्राइवर अब अधिक किराये की डिमांड कर सकते हैं.