GST On Daily Use Items: दूध-दही-चावल-आटा समेत 14 चीजों पर जीएसटी लगाने के बाद केंद्र सरकार निशाने पर आ गई है. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आखिर इन चीजों पर जीएटी क्यों लगाया गया है?
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GST On Daily Use Items : दूध, दही और आटे जैसी रोजमर्रा के इस्तेमाल के प्रोडक्ट पर जीएसटी लगाने के बाद आलोचना के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गैर-भाजपा शासित राज्यों समेत सभी राज्यों से मंजूरी मिलने के बाद आटा समेत अन्य वस्तुओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी (GST) लगाया गया है. इन चीजों पर जीएसटी लगाने के बाद हुई आलोचनाओं के बीच सीतारमण ने यह बयान दिया है.
जीएसटी लगाने का मकसद टैक्स चोरी रोकना
वित्त मंत्री ने कहा कि गैर-भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल ने 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमति जताई थी. सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा कि जीएसटी व्यवस्था से पहले राज्य खाद्यान्न पर बिक्री कर या वैट लगाते थे. अनाज, आटा, दही और लस्सी पर जीएसटी लगाने का मकसद टैक्स चोरी पर लगाम लगाना है.
मानसून सत्र के पहले दो दिन कोई काम नहीं हुआ
उन्होंने कहा यह निर्णय जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम सहमति से लिया गया है. वित्त मंत्री की तरफ से यह बयान संसद के मानसून सत्र के पहले दो दिन में कोई काम-काज नहीं होने के बीच आया है. विपक्षी पार्टियां जीएसटी लगाने समेत अन्य मुद्दों पर संसद में जोरदार विरोध कर रही हैं. सीतारमण ने कहा, 'क्या ऐसा पहली बार है जब इस तरह के खाद्य वस्तुओं पर टैक्स लगाया गया हो? नहीं. जीएसटी व्यवस्था से पहले राज्य खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे.'
वित्त मंत्री बोलीं-बहुत सारी गलतफहमी फैलाई गईं
उन्होंने अपनी बात कहते हुए पंजाब तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल और बिहार में 2017 से पहले लगाए गए चावल पर वैट का भी हवाला दिया. सीतारमण ने अपने ट्वीट में हालांकि दाल, पनीर और लस्सी पर पूर्व में कर लगाने संबंधी कोई उदाहरण नहीं दिया है, जिन पर अब जीएसटी लगेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जीएसटी परिषद ने हाल में अपनी 47वीं बैठक में दाल, अनाज, आटा, आदि जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने को लेकर पुनर्विचार करने की सिफारिश की थी. इस बारे में बहुत सारी गलतफहमी फैलाई गई है.'
जीएसटी में वैट समेत 17 केंद्रीय और राज्य कर शामिल
जुलाई, 2017 में जीएसटी की शुरुआत के साथ ब्रांडेड अनाज, दालें और आटा पर पांच प्रतिशत कर की व्यवस्था थी. जीएसटी में केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य के वैट समेत 17 केंद्रीय और राज्य कर शामिल है. उन्होंने कहा, 'बाद में केवल उन्हीं वस्तुओं पर कर लगाने के लिए बदलाव किया गया, जो रजिस्टर्ड ब्रांड या ब्रांड के तहत बेची जाने वाले वस्तु है. हालांकि, जल्द ही बड़े पैमाने पर प्रतिष्ठित निर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा इस प्रावधान का दुरुपयोग करते पाया गया और इन वस्तुओं पर जीएसटी राजस्व धीरे-धीरे महत्वपूर्ण रूप से घट गया.'
सीतारमण ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं और उद्योग ने सरकार से पैकिंग वाली वस्तुओं पर एक समान जीएसटी लगाने का आग्रह किया था, ताकि इस तरह के दुरुपयोग को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि इस मामले को ‘फिटमेंट समिति’ को भेजा गया था और कई बैठकों में इन मुद्दों की समीक्षा के बाद दुरूपयोग को रोकने के तौर-तरीकों पर सिफारिश की गई थी.
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