Income Tax News Update: क्या आपने भी गलती से न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) सलेक्ट कर लिया है? और अब आप फिर से पुराने टैक्स रिजीम (old tax regime) में जाना चाहते हैं... तो आप यह काम आसानी से कर सकते हैं.
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Income Tax Department: क्या आपने भी गलती से न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) सलेक्ट कर लिया है? और अब आप फिर से पुराने टैक्स रिजीम (old tax regime) में जाना चाहते हैं... तो आप यह काम आसानी से कर सकते हैं. पहले टैक्सपेयर्स को लग रहा था कि एक बार न्यू टैक्स रिजीम सलेक्ट करने के बाद आप ओल्ड में नहीं जा सकते हैं, लेकिन आप सिर्फ एक फॉर्म फिल करके ओल्ड टैक्स रिजीम में जा सकते हैं.
इनकम टैक्स विभाग की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, आप नई कर व्यवस्था से पुरानी कर व्यवस्था में जाने के लिए एक फॉर्म फिल करना होगा.
फिल करना होगा ये फॉर्म
इनकम टैक्स विभाग ने कहा है कि हाल ही में असेसमेंट ईयर 2024-25 में टैक्सपेयर्स के लिए ITR फॉर्म जारी कर दिए गए हैं. इनमें टैक्स छूट क्लेम के लिए विवरण फॉर्म के साथ ही फॉर्म-10-आईईए भी शामिल है. जो भी टैक्सपेयर्स न्यू से ओल्ड रिजीम में आना चाहते हैं वह इस फॉर्म को फिल कर सकते हैं.
अभी न्यू टैक्स सिस्टम है डिफॉल्ट
अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर यह माना जाएगा कि टैक्सपेयर्स ने न्यू रिजीम को ही अपना लिया है. इसके साथ ही टैक्स की कैलकुलेशन भी उसी के हिसाब से की जाएगी. सभी टैक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट है.
आइए आपको बताते हैं कि न्यू फॉर्म में कौन-कौन सी डिटेल्स आपको फिल करनी होगी-
जो भी लोग ओल्ड टैक्स सिस्टम में फिर से वापस जाना चाहते हैं वह नया 10-आईईए फॉर्म को फिल करके सभी जानकारी दे दें. इसमें आपको पैन नंबर और टैक्स पेमेंट का पूरी डिटेल्स देनी होगी. इसके अलावा आपको फॉर्म में दोनों टैक्स सिस्टम को बदलने की हिस्ट्री के बारे में पूछा जाएगा.
आखिर क्या है ये फॉर्म 10-आईईए?
एक्सपर्ट के मुताबिक, डिफॉल्ट व्यवस्था का मतलब होता है कि न्यू टैक्स सिस्टम पहले से ही सलेक्ट है और उसी के आधार पर कैलकुलेशन होगी. अगर किसी भी टैक्सपेयर्स को लगता है कि ओल्ड टैक्स सिस्टम में ज्यादा टैक्स छूट का फायदा मि रहा है तो वह इसमें वापस जा सकता है. फॉर्म 10-आईईए एक तरह से डिक्लेरेशन फॉर्म है.
31 जुलाई है आखिरी तारीख
इस फॉर्म को फिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. आपको इस तारीख से पहले ही यह फॉर्म फिल करना होगा. इसके अलावा कुछ खास स्थितियों में 31 दिसंबर तक भी विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन तब पुरानी व्यवस्था को चुना नहीं जा सकेगा.