नई दिल्ली : भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की तरफ से आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाए जाने के बाद अब बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए कई नए कदम उठा रहा है. बैंक की तरफ से शुरू की जाने वाली नई सुविधा का फायदा एलआईसी और आईडीबीआई दोनों के ही करोड़ों ग्राहकों को ही मिलने की उम्मीद है. बैंक ने घोषणा की कि वित्तीय क्षेत्र का एक अलग तरीके का समूह बनाया जाएगा. बैंक की योजना एक ही प्लेटफॉर्म पर बैंकिंग और बीमा सेवाएं मुहैया कराने की है.


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बैंक की तरफ से आवश्यक बदलाव किया जा रहा
आईडीबीआई बैंक में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की हिस्सेदारी है. आईडीबीआई का मालिकाना हक सरकार की जगह एलआईसी के हाथों जाने से बैंक निजी क्षेत्र का उपक्रम हो जाएगा. बैंक की तरफ से एक बयान में कहा गया कि 'आईडीबीआई बैंक अपने सभी ग्राहकों को एक ही जगह बैंकिंग और बीमा सर्विस देने के लिये आवश्यक प्रावधान कर रहा है.


आईडीबीआई बैंक और एलआईसी ने शाखाओं, कार्यालयों और कर्मचारियों की साझी संपदा के जरिये एक-दूसरे की कारोबारी विशिष्टता का लाभ उठाना शुरू कर दिया है.' बैंक ने कहा कि इन रणनीतिक मुहिमों से बेहतर परिचालन और बेहतर वित्तपोषण का रास्ता प्रशस्त होगा. इससे सरकार और एलआईसी समेत सभी संबंधित पक्षों का धन अधिकतम स्तर पर पहुंचेगा. बैंक ने कहा कि ये रणनीतिक योजनाएं आईडीबीआई और एलआईसी दोनों को कारोबारी विशिष्टता का पूरी तरह लाभ उठाने में सक्षम बनाएंगी.



बयान में कहा गया, 'इस दिशा में बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक इंश्योरेंस के तहत एलआईसी को कॉरपोरेट एजेंट बनाने को मंजूरी दी है. इसके तहत एलआईसी के चेयरमैन को बैंक का गैर-कार्यकारी चेयरमैन बनाया गया है. बैंक ने कहा, 'बैंक मौजूदा प्रबंध निदेशक (एमडी) राकेश शर्मा को अगले तीन साल के लिये और एमडी एवं सीईओ बनाने पर विचार कर रहा है.'