Indian Railways Rules: ट्रेन में हर दिन लाखों यात्री सफर करते हैं और अक्सर देखा जाता है कि लोग ट्रेन में मिलने वाली चादर, तौलिया और तकिए गायब कर लेते हैं. रेलवे की ओर से दी जाने वाली चादर और तौलिए को वह अपने घर ले जाते हैं, लेकिन अब से अगर कोई भी यात्री ऐसा करता है तो उसको रेलवे की तरफ से सजा दी जाएगी. रेलवे ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. एसी कोच में रेलवे ग्राहकों को चादर और तौलिए की सुविधा देते है, लेकिन यात्रियों की इन हरकतों से रेलवे काफी परेशान है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रेलवे को होता है लाखों का नुकसान
आपको बता दें यात्रियों की इन आदतों की वजह से रेलवे को इस साल लाखों रुपये का चूना लग गया है. रेलवे ने बताया है कि चादर, कंबल के अलावा यात्री चम्मच, केतली, नल, टॉयलेट में लगी टोटियां तक चोरी करके ले जाते हैं, जिसकी वजह से रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. 


किस रूट पर ज्यादा सामान होता है चोरी?
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन के ट्रेनों में लोग जमकर रेलवे के सामानों की चोरी कर रहे हैं. बिलासपुर और दुर्ग से चलने वाली लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों में कंबल, चादर, तकिया कवर, फेश टॉवेल की लगातार चोरी हो रही है. 


4 महीनों में 55 लाख का सामना हुआ है चोरी
रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया है बिलासपुर जोन से चलने वाली ट्रेनों में पिछले 4 महीनों में अब तक करीब 55 लाख रुपये का सामान चोरी हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले चार महीने में लगभग 55 लाख 97 हजार 406 रुपए के सामान चोरी हुए हैं. 


कितना सामना हुआ चोरी
बता दें पिछले चार महीने में 12886 फेस टॉवेल की चोरी हुई है, जिसकी कीमत 559381 रुपये है. वहीं, एसी से सफर करने वाले यात्रियों ने 4 महीने में 18208 चादर चोरी हुई हैं. इसकी कीमत करीब 2816231 रुपये है. इसके अलावा 19767 तकिए के कवर चोरी हुए हैं, जिसकी कीमत 1014837 रुपये, 2796 कंबल की कीमत 1171999 रुपये, 312 तकियों की कीमत 34956 रुपये है. 


मिलेगी 5 साल की जेल और जुर्माना भी 
रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस तरह से सामान की चोरी करना कानूनी रूप से गलत है. रेलवे ने रेलवे प्रोपर्टी एक्ट 1966 के तहत इस तरह के यात्रियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसमें यात्रियों पर जुर्माना लगने के साथ ही सजा भी मिलेगी. इसमें आपको अधिकतम 5 साल की जेल का प्रावधान है और जुर्माना भी रेलवे की तरफ से लगाया जाता है.