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नई दिल्ली: Jagdish Khattar: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जगदीश खट्टर नहीं रहे. दिल का दौरा पड़ने से आज उनका निधन हो गया, वो 78 साल के थे. खट्टर मारुति उद्योग लिमिटेड से 1993 से जुड़े थे और साल 2007 तक वो इससे ही जुड़े रहे. मारुति को देश की सबसे बड़ी कार कंपनी बनाने का श्रेय भी खट्टर को ही जाता है. मारुति छोड़ने के बाद उन्होंने कार्नेशन ऑटो नाम की कंपनी खोली.
जगदीश खट्टर ने 1993 में डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग के तौर पर Maruti को ज्वाइन किया था और सिर्फ 6 साल बाद ही 1999 में वो कंपनी के एमडी बन गए, पहले सरकार के नॉमिनी के रूप में उसके बाद 2002 में वो Suzuki Motor Corporation के तौर पर वो इस पद पर रहे. मारुति सुजुकी से जु़ड़ने से पहले जगदीश खट्टर 37 सालों तक एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी (IAS) थे.
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उन्होंने इस्पात मंत्रालय और यूपी सरकार के कई प्रमुख प्रशासनिक पदों पर काम किया. 1969 से 1993 तक उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य और केंद्र सरकार में डीएम से लेकर जॉइंट सेक्रेटी तक के पदों पर रहते हुए सेवाएं दीं. इसके बाद वो मारुति से जुड़े. उनके नेतृत्व में मारुति उद्योग साल 2000 से 2008 के बीच 9,000 से 22,000 करोड़ सालाना आय वाली कंपनी बन गई और उसका मुनाफा 330 करोड़ से बढ़कर 1730 करोड़ रुपये हो गया.
2007 में मारुति से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने Carnation Auto India के नाम से एक नई कंपनी खोली. जिसका पूरे देश में सेल्स एंड सर्विस नेटवर्क फैला हुआ था. खट्टर की कंपनी कारनेशन को 2009 से 2014 तक लगातार भारी नुकसान हुआ. कंपनी में जिन्होंने निवेश किया था उनको भी काफी नुकसान हुआ.
खट्टर का नाम 2019 में विवादों में घिर गया जब Carnation Auto India में 110 करोड़ रुपये के कथित बैंक फ्रॉड को लेकर CBI ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया. CBI ने खट्टर और उनकी कंपनी के खिलाफ IPC की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया. Carnation कार एक्सेसरीज और पुरानी कारें बेचती थी. इस कंपनी ने 2009 में पंजाब नेशनल बैंक से 170 करोड़ रुपए का लोन लिया था. 2015 में लोन एनपीए घोषित हो गया. इससे पीएनबी को 110 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.
अक्टूबर 7, 2019 में पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, चीटिंग जैसे मुकदमे दर्ज किए गए. खट्टर ने आरोपों को नकारा, उन्होंने कहा कि 'कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया है. खट्टर ने आरोपों को नकारते हुए दावा किया कि बैंकों द्वारा किए गए ऑडिट में उनकी कंपनी के कामकाज में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है.
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