Budget 2023: बजट में कारोबारियों की होगी बल्ले-बल्ले, सरकार इन सामानों पर कर सकती है बड़ा ऐलान
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Budget 2023: बजट में कारोबारियों की होगी बल्ले-बल्ले, सरकार इन सामानों पर कर सकती है बड़ा ऐलान

Custom Duty Budget 2023: डेलॉयट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि चालू खाते में इजाफे की आशंका कायम है. आयात बिल के खतरे के अलावा साल 2023-24 में एक्सपोर्ट पर महंगाई की मार पड़ने की आशंका जताई जा रही है. 

Budget 2023: बजट में कारोबारियों की होगी बल्ले-बल्ले, सरकार इन सामानों पर कर सकती है बड़ा ऐलान

Make In India: मेक इन इंडिया मुहिम के तहत आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए सरकार बजट में कई अहम ऐलान कर सकती है. उम्मीद जताई जा रही है कि 35 सामानों पर सरकार कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. इन सामानों के दाम बढ़ने से देश में इनकी उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा और मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स की सेल्स को बढ़ाने में भी यह फैसला अहम साबित हो सकता है. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंपोर्ट घटाने और घरेलू उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए 35 सामानों पर सरकार कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान कर सकती है. इन सामानों में विटामिन, हाई ग्लॉस पेपर, ज्वैलरी, प्लास्टिक के सामान, हाई एंड इलेक्ट्रॉनिक आइटम, प्राइवेट जेट और हेलिकॉप्टर शामिल है. जानकारी के मुताबिक, विभिन्न मंत्रालयों से उन सामानों की लिस्ट भी मिल गई है, जिन पर सरकार कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है. साथ ही उसने इसके लिए पूरी प्लानिंग भी कर ली है. ये सामान भारत में ही बनाए जाएं, इसके लिए इनके आयात को महंगा किया जा रहा है.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों से ऐसे गैर-जरूरी आयातित सामानों की लिस्ट बनाने के लिए कहा था, जिनकी कस्टम ड्यूटी में इजाफा किया जा सकता है. दरअसल सरकार चालू खाते के घाटे को कम करना चाहती है, इसलिए वह इंपोर्ट को कम करने में जुटी हुई है. जुलाई-सितंबर तिमाही के चालू खाते का घाटा पिछले 9 महीने के सबसे ज्यादा स्तर 4.4 परसेंट तक पहुंच गया था.

महंगाई से मुश्किलों में सरकार

डेलॉयट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि चालू खाते में इजाफे की आशंका कायम है. आयात बिल के खतरे के अलावा साल 2023-24 में एक्सपोर्ट पर महंगाई की मार पड़ने की आशंका जताई जा रही है. जानकारों की माने तो स्थानीय मांग के एक्सपोर्ट ग्रोथ को पीछे करने के अलावा मर्चेंडाइज व्यापार घाटा 25 अरब डॉलर प्रति माह रह सकता है. यह चालू खाते के घाटे को सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 3.2-3.4 परसेंट के बराबर रखने में कामयाबी हासिल कर सकता है. इसके अलावा सरकार मेक इन इंडिया प्रोग्राम को और मजबूत करने के लिए सीमा शुल्क में इजाफा कर सकती है. 

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