Rahul Gandhi's 'halwa ceremony' comment: बजट से पहले हुई 'हलवा सेरेमनी' को लेकर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है. वित्त मंत्री ने मंगलवार को कहा कि हलवा सेरेमनी बजट की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी आलोचना इससे जुड़े कर्मचारियों का 'अपमान करना' है.


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लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को दावा किया था कि  20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाने का काम किया है लेकिन इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक एवं एक ओबीसी हैं और उनमें एक भी दलित एवं आदिवासी नहीं है. ये क्या हो रहा है. देश का हलवा बंट रहा है और उसमें देश की आबादी का 73 प्रतिशत कहीं है ही नहीं.


सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "हलवा समारोह उस समय से चल रहा है जब से वित्त मंत्रालय का प्रीटिंग प्रेस मिंटो रोड में हुआ करता था. हमारे देश में कोई भी अच्छा काम करने से पहले मुंह मीठा करने की परंपरा है. इसकी आलोचना करना बजट की तैयारियों से जुड़े कर्मचारियों का मजाक उड़ाना और उनका अपमान करना है."


राहुल गांधी ने लगाए थे गंभीर आरोप


सदन में बोलते हुए राहुल गांधी ने बजट से पहले की हलवा रस्म का जिक्र करते हुए कहा था, "इस सरकार में दो-तीन प्रतिशत लोग ही हलवा तैयार कर रहे हैं और उतने ही लोग हलवा खा रहे हैं. बाकी हिंदुस्तान को यह नहीं मिल रहा है.


सीतारमण ने किया पलटवार
 
सीतारमण ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा,  "हलवा समारोह के बाद इससे जुड़े कर्मचारी बजट जारी नहीं होने तक बाहर नहीं आते हैं. पहले उन्हें नौ दिन और आठ रात अलग-थलग गुजारनी पड़ती थीं, लेकिन अब उन्हें पांच रात और चार दिन सबसे दूर रहना होता है. वे बजट के बाद ही बाहर आ पाते हैं. बजट की गोपनीयता के लिए ऐसा करना जरूरी होता है."
 
उन्होंने आगे कहा कि बजट की तैयारियों का हिस्सा रहे उप-प्रबंधक कुलदीप शर्मा पिता के निधन के बावजूद बजट तैयारियों में शामिल हुए और बाहर नहीं निकले. इसी तरह श्री सुभाष अपने बेटे का निधन होने के बाद भी बाहर नहीं आए. ऐसे में राहुल गांधी का यह बयान इन कर्मचारियों का अपमान है.