राजधानी में प्याज 78 रुपये... और कितनी बढ़ेंगी कीमतें? सरकार ने दी ये जानकारी
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राजधानी में प्याज 78 रुपये... और कितनी बढ़ेंगी कीमतें? सरकार ने दी ये जानकारी

Onion Price Hike: प्याज सस्ता होने का नाम नहीं ले रहा है. देश की राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को प्याज की कीमतें रिकॉर्ड लेवल पर बनी रहीं. इसके अलावा खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत 78 रुपये प्रति किलोग्राम थी.

राजधानी में प्याज 78 रुपये... और कितनी बढ़ेंगी कीमतें? सरकार ने दी ये जानकारी

Onion Price Hike: प्याज सस्ता होने का नाम नहीं ले रहा है. टमाटर के बाद में प्याज भी आम जनता को रुला रहा है. फेस्टिव सीजन में कीमतें लगातार बढ़ती ही जा रही है. देश की राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को प्याज की कीमतें रिकॉर्ड लेवल पर बनी रहीं. इसके अलावा खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत 78 रुपये प्रति किलोग्राम थी. सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी मिली है.

हालांकि उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत 50.35 रुपये प्रति किलोग्राम थी.इसके अलावा अधिकतम दर 83 रुपये प्रति किलोग्राम और मॉडल कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम थी. न्यूनतम दर 17 रुपये प्रति किलोग्राम रही.

लोकल मार्केट में 80 रुपये है प्याज की कीमत

स्थानीय विक्रेता प्याज 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच रहे हैं. इसके अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘बिगबास्केट’ और ‘ओटिपी’ पर प्याज 75 रुपये प्रति किलो है. 

सरकार ने लिया है ये फैसला

केंद्र सरकार ने शनिवार को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) तय किया था. यह लगभग 67 रुपये प्रति किलो बैठता है. यह एमईपी बैंगलोर रोज़ और कृष्णापुरम प्याज को छोड़कर प्याज की सभी किस्मों के लिए है.

2 लाख टन प्याज खरीदेगी सरकार

इसके साथ ही केंद्र ने बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की घोषणा की है. यह पहले से खरीदे गए पांच लाख टन से अधिक एवं अतिरिक्त होगा.

मोबाइल वैन से पूरी की जा रही डिमांड

बफर स्टॉक से प्याज का अगस्त के दूसरे सप्ताह से देश भर के प्रमुख उपभोग केंद्रों में लगातार निपटान किया गया है. NCCCF और नेफेड द्वारा संचालित मोबाइल वैन से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलो की दर से आपूर्ति भी की गई है.

पिछले सप्ताह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुवाई में देरी होने के कारण इसकी खेती का रकबा कम रहा और फसल देर से पहुंची. खरीफ प्याज की नई आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.

इनपुट - भाषा एजेंसी 

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