आप भी फोन में सेव रखते हैं अपना सीक्रेट बैंकिंग डेटा? तो खाली हो सकता है अकाउंट
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आप भी फोन में सेव रखते हैं अपना सीक्रेट बैंकिंग डेटा? तो खाली हो सकता है अकाउंट

ऑनलाइन क्रेडेंशियल्स को अपने फोन में सहेजना कितना जोखिम भरा है, आपको इसका अंदाजा बढ़ती हैकिंग और डेटा चोरी के मामलों से लगाना चाहिए. पैन नंबर, आधार समेत अपनी कोई भी निजी जानकारी स्टोर करने में काफी रिस्क है. 

निजी जानकारियों को लेकर लापरवाह हैं भारतीय?

नई दिल्ली: अक्सर लोग अपनी निजी जानकारियां या फिर बैंकिंग डेटा, फोन, कंप्यूटर या ईमेल पर सेव करते हैं. अगर आप भी इसी बेपरवाही के आदी हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. दरअसल फोन पर एटीएम पिन, आधार कार्ड या निजी जानकारियां को सेव करना आपको कंगाल बना सकता है.

  1. सर्वे में हुए चौंकाने वाले खुलासे
  2. लापरवाही से सेव करते हैं सीक्रेट इन्फो
  3. डेटा को कैसे रखा जाए सुरक्षित?
  4.  

फोन में सेव रखते हैं सीक्रेट जानकारी

दरअसल सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म 'सोशल सर्कल' की तरफ से एक सर्वे किया गया, जिसमें निजी जानकारियों को लेकर भारतीयों के लापरवाह रवैये का जिक्र है. सर्वे के मुताबिक प्रत्येक तीन में से एक भारतीय अपने मोबाइल फोन में गोपनीय जानकारी जैसे क्रेडिट कार्ड क्रेडेंशियल, एटीएम पिन, बैंक अकाउंट डिटेल, डेबिट कार्ड डिटेल, आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर महफूज तरीके से स्टोर नहीं करते हैं.

इतना ही नहीं, 11 फीसदी भारतीय तो निजी आर्थिक जानकारी को अपने फोन कॉन्टैक्ट लिस्ट में ही सुरक्षित कर लेते हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भारतीय अक्सर अपने सीक्रेट पासवर्ड अपने परिवार के अलावा भी लोगों के साथ साझा करते हैं. सर्वे के दायरे में आने वाले 7 प्रतिशत लोगों ने ये माना कि वो क्रेडिट कार्ड सीवीवी, डेबिट कार्ड, बैंक खाते, एटीएम पासवर्ड, आधार या फिर पैन नंबर जैसी अहम डिटेल्स अपने फोन में ही सेव करके रखते हैं.

सिर्फ 21 फीसदी को याद हैं पासवर्ड

सर्वे के मुताबिक 15 फीसदी लोग अपनी ऐसी जानकारियां ईमेल या फिर कंप्यूटर पर ही सेव रखते हैं. इस सर्वे में शामिल हुए कुल लोगों में महज 21 फीसदी ने बताया कि उन्होंने अपने सभी पर्सनल डेटा और जानकारियों को याद कर के रखा है. 

ऑनलाइन क्रेडेंशियल्स को सहेजना कितना जोखिम भरा है, आपको इसका अंदाजा बढ़ती हैकिंग और डेटा चोरी के मामलों से लगाना चाहिए. पैन नंबर, आधार समेत अपनी कोई भी निजी जानकारी स्टोर करने में काफी रिस्क है. आपकी इन जानकारियों के लीक होने से आपके एटीएम पिन से कई गैरकानूनी अपराधों की आशंका बरकरार रहती है.

डेटा सिक्योरिटी के लिए ये ऑप्शन

लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि तमाम डाउनलोड किए जाने वाले ऐप्स, कॉन्टैक्ट लिस्ट, कैमरा, मैसेज समेत बाकी ऐप्स की एक्सेस परमीशन मांगते हैं. ऐसे में एक्सेस के लिए अलाउ करने से पहले बाकायदा जांच परख लें. फिर सवाल उठता है कि अपने क्रेडेंशियल्स कहां और कैसे सेव करें? तो याद रहे कि अगर आप अपनी ये जानकारियां ऑनलाइन ही सहेजना चाहते हैं, तो इसे महफूज रखने के कुछ सुझाव हैं.

1. इन जानकारियों को क्लाउड पर भी स्टोर किया जा सकता है, जिससे आप इन सुपर सीक्रेट इन्फो को महफूज रख सकते हैं. इसे कंप्यूटर या ईमेल की बजाय, अपने क्लाउड स्टोरेज में ट्रांसफर करना एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है.

2. आपको बता दें कि पासवर्ड, आपके डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखता है. इसे केवल कॉन्टैक्ट लिस्ट या फोन नोट्स पर रखने की बजाय, इसे पासवर्ड प्रोटेक्टेड ही रखिए. ये इस बात को सुनिश्चित करता है कि ये जानकारी सिर्फ आप तक ही रहेगी.

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3. इन दिनों हैकर्स की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में आपको टेक्नोलॉजी से हमेशा अपडेट रहना जरूरी है. डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आप अपना एटीएम पिन और पासवर्ड एक समय अंतराल पर बदलते रहें.

4. पोर्टेबल डिस्क में स्टोर करने से भी आपका डेटा सुरक्षित रहेगा. अगर आप डेटा को स्टोर करने के लिए पासवर्ड प्रोटेक्टेड पेन ड्राइव या हार्ड डिस्क का इस्तेमाल  करते हैं तो ये भी एक सावधानी वाला कदम ही साबित होगा.

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