नई दिल्ली: देश में ईंधन की मांग फरवरी में एक साल पहले की तुलना में 3.8 प्रतिशत बढ़ी. पेट्रोल और डीजल के उपयोग में निरंतर वृद्धि के साथ साथ मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने से एलपीजी की मांग बढ़ने के कारण कुल मिला कर ईंधन की मांग बढ़ी है. पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के आंकड़े के अनुसार फरवरी में पेट्रोलियम ईंधन की खपत 1.74 करोड़ टन रही. पिछले साल इसी महीने खपत 1.67 करोड़ टन थी. दूसरी तरफ FAME जैसी योजना के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों की उपयोगिता को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में यह आंकड़ें पर्यावरण के लिहाज से गंभीर भी हैं.


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यह लगातार तीसरा महीना है जब ईंधन की खपत बढ़ी है. आम चुनावों के चलते भी पेट्रोलियम ईंधन की मांग बढ़ने का अनुमान है. पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा दाम कम होने से पेट्रोल खपत इस दौरान 8 प्रतिशत बढ़कर 22.5 लाख टन रही.



इसी बीच हर घर को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना से एलपीजी की मांग भी 14.2 प्रतिशत बढ़कर 22 लाख टन रही. देश में सर्वाधिक खपत होने वाला ईंधन डीजल की खपत आलोच्य महीने में 2.7 प्रतिशत बढ़कर 67 लाख टन रही.


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आम चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के अगले दो महीनों में बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार को देखते हुए परिवहन ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना है. देश में आम चुनाव 11 अप्रैल से सात चरणों में होंगे. फरवरी महीने में विमान ईंधन बिक्री 10.5 प्रतिशत बढ़कर 6,80,000 टन रही. स्वच्छ ईंधन एलपीजी को बढ़ावा देने से केरोसीन उपयोग आलोच्य महीने में इससे पूर्व वर्ष के 12 प्रतिशत घटकर 2,72,000 टन रहा. बिजली मांग बढ़ने से नाफ्था बिक्री 25.2 प्रतिशत बढ़कर 12.8 लाख टन रही जबकि पेट्रोलियम कोक की खपत 15.3 प्रतिशत घटकर 15.8 लाख टन रही.