नई दिल्ली: NPS Assured Return Scheme: देश के लाखों पेंशनर्स के लिए एक बहुत शानदार स्कीम आने वाली है. पेंशन रेगुलेटर PFRDA, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत मिनिमम अश्योर्ड रिटर्न स्कीम (MARS) लेकर आने वाला है. इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में. 


PFRDA नियुक्त करेगा सलाहकार


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पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने इस स्कीम को डिजाइन करने के लिए सलाहकारों के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया है यानी सुझाव मंगवाए हैं. आपको याद दिला दें कि इस स्कीम को लेकर पिछले साल PFRDA के अध्यक्ष सुप्रतिम दास बंद्योपाध्याय ने कहा था कि 'इस बारे में पेंशन फंड्स और एक्चुरियल फर्मों (actuarial firms) से बातचीत चल रही है. इस बातचीत के आधार पर योजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी. PFRDA कानून के तहत एक न्यूनतम सुनिश्चित रिटर्न की योजना शुरू करने की अनुमति है. पेंशन फंड योजनाओं के तहत मैनेज किए जा रहे फंड को मार्क-टू-मार्केट (marked-to-market) किया जाता है. जाहिर है, इसमें कुछ उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. इनका मूल्यांकन बाजार की स्थिति को देखकर होता है.'


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सलाहकारों का ये होगा काम


PFRDA के RFP ड्राफ्ट के मुताबिक, एनपीएस के तहत गारंटीड रिटर्न वाली योजना तैयार करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति से PFRDA और सर्विस प्रोवाइडर के बीच प्रिंसिपल-एजेंट संबंध नहीं बनना चाहिए. PFRDA एक्ट के निर्देशों के मुताबिक, NPS के तहत सब्सक्राइबर एक ऐसी स्कीम चुने जो 'मिनिमम अश्योर्ड रिटर्न' दे, इस तरह की योजना को रेगुलेटर के साथ रजिस्टर्ड पेंशन फंड द्वारा पेश करना होगा. इस तरह सलाहकारों काम पेंशन फंड द्वारा मौजूदा और संभावित सब्सक्राइबर्स के लिए 'मिनिमम अश्योर्ड रिटर्न' योजना तैयार करना होगा.


ऐसी स्कीम अबतक नहीं बनी


PFRDA ने नेशनल पेंशन स्कीम ( NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) को बनाने और फीचर्स जोड़ने में काफी काम किया है, लेकिन ये सभी केंद्र सरकार की योजनाएं हैं. PFRDA जो स्कीम लाने की योजना बना रहा है, वह उसकी अपनी पहली वास्तविक स्कीम होगी. ये खास इसलिए भी होगी कि PFRDA अभी तक ऐसी कोई गारंटी वाली स्कीम नहीं चलाता है. PFRDA का कहना है कि पेंशन की इस योजना की गारंटी बाजार से जुड़ी होगी. फंड मैनेजरों को ही निवेश पर मिलने वाले मुनाफे में से गारंटी वाले हिस्से को तय करना होगा.


कौन ले सकता है एनपीएस?


आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी 2004 को NPS को अनिवार्य रूप से लागू किया था. इसके बाद सभी राज्यों ने NPS को अपने कर्मचारियों के लिए अपना लिया. साल 2009 के बाद इस योजना को निजी सेक्टर में काम करने वालों के लिए भी खोल दिया गया. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी NPS का एक हिस्सा निकाल सकते हैं, वहीं बाकी रकम से रेग्युलर इनकम के लिए एन्युटी ले सकते हैं. नेशनल पेंशन स्कीम में 18 से 60 साल का कोई भी व्यक्ति ले सकता है.


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