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Budget 2021: 'Home Loan प्रिंसिपल पर अलग से दें टैक्स छूट' बजट में CREDAI ने की वित्त मंत्री से मांग

Budget 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को देश का बजट पेश करेंगी. देश के हर सेक्टर, इंडस्ट्री और आम लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदे हैं. इस बार का 'आम बजट' कहने को तो आम है लेकिन बेहद खास रहने वाला है, क्योंकि कोरोना महामारी के बीच और लॉकडाउन के बाद ये पहला बजट है. इसलिए लोगों की उम्मीदें ज्यादा हैं और सरकार पर जिम्मेदारियां. 

'टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाया जाए'

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'टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाया जाए'

रियल एस्टेट सेक्टर की संस्था The Confederation of Real Estate Developers' Associations of India (CREDAI) ने वित्त मंत्री के सामने अपनी मांगे रखी हैं. CREDAI ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाव दिया है कि आने वाले बजट में टैक्स छूट की सीमा (tax exemptions) को बढ़ाया जाए, ताकि हाउसिंग डिमांड में बढ़ोतरी हो, साथ ही 80C के तहत होम लोन रीपेमेंट के प्रिसिंपल पर मिलने वाली टैक्स छूट को भी बढ़ाया जाए. 

'होम लोन के प्रिंसिपल पर टैक्स छूट अलग से मिले'

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'होम लोन के प्रिंसिपल पर टैक्स छूट अलग से मिले'

मौजूदा समय में हाउसिंग लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है, जो कि 80C में आने वाले दूसरे टैक्स सेविंग के साथ है. CREDAI का सुझाव है कि 80C के तहत प्रिंसिपल रीपेमेंट पर मिलने वाली छूट की लिमिट को बढ़ाया जाना चाहिए, जो कि अभी सिर्फ 1.5 लाख रुपये है. हाउसिंग लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट पर मिलने वाली टैक्स छूट को अलग से दिए जाने पर विचार करना चाहिए. इससे लोगों को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. 

REITs के लिए टैक्स इनसेंटिव्स बढ़ाएं

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REITs के लिए टैक्स इनसेंटिव्स बढ़ाएं

CREDAI के देश भर में 2,000 के करीब सदस्य हैं. संस्था ने कहा है कि Real Estate Investment Trusts (REITs) में निवेश को बढ़ावा देने के लिए टैक्स इनसेंटिव्स में छूट को और ज्यादा किया जाए. CREDAI का कहना है कि 'दो साल से ज्यादा समय से रियल एस्टेट सेक्टर दबाव के दौर से गुजर रहा है. कोरोना महामारी की वजह से आई आर्थिक अस्थिरता ने हालातों को सेक्टर के लिए और बदतर कर दिया है. बचे रहने की लड़ाई के बाद अब रियल एस्टेट सेक्टर धीरे धीरे सुधर रहा है.' 

'REITs में निवेश पर मिले 50,00 की टैक्स छूट'

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'REITs में निवेश पर मिले 50,00 की टैक्स छूट'

CREDAI का एक और सुझाव है कि REITs में निवेश पर सेक्शन 80C के तहत के 50,000 रुपये की छूट मिलनी चाहिए. CREDAI का कहना है कि REITs रियल एस्टेट सेक्टर में लिक्विडिटी की समस्या दूर करने का एक रास्ता है, इसके साथ साथ निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करने का भी मौका मिलता है. हमारा सुझाव है कि 50,000 रुपये से शुरू होने वाले REITs निवेश पर सेक्शन 80C के तहत छूट को आगे बढ़ाया जाए. 

'REITs के लिए होल्डिंग पीरियड 12 महीने किया जाए'

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'REITs के लिए होल्डिंग पीरियड 12 महीने किया जाए'

फिलहाल REITs यूनिट्स को 36 महीने तक होल्ड करके रखना पड़ता है ताकि लॉन्ग टर्म कैपिटल असेट के तौर पर कम टैक्स लगे. CREDAI का सुझाव है कि इस अवधि को घटाकर 12 महीने कर दिया जाए. इससे REITs के निवेश में तेजी आएगी. अबतक देश में सिर्फ दो ही REIT लिस्टेड हैं. 

'विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए कदम उठाएं'

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'विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए कदम उठाएं'

CREDAI का कहना है कि 'लिक्विडिटी का भरोसा, पैसों की व्यवस्था और लंबी रीपेमेंट अवधि से डेवलपर्स की मदद हो सकती है. CREDAI ने कहा कि सस्ते होम लोन और हाउसिंग सेक्टर में निवेश पर टैक्स बेनेफिट्स से डिमांड में बढ़ोतरी हो सकती है. CREDAI के मुताबिक  अफोर्डेबल हाउसिंग में टैक्सेशन रिफॉर्म्स, संयुक्त विकास और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है.'

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