अगर आप कम लागत में बिजनेस (Business Opportunity) प्लान कर रहे हैं तो केंद्र सरकार जबरदस्त मौका दे रही है. इस बिजनेस में में आपकी कमाई भी खूब होगी. दरअसल, केंद्र सरकार प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (Janaushadhi Kendra Business) खोलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है. सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (Pradhanmantri Bhartiya Janaushadhi Kendra) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है. अगर आप भी करना चाहते हैं कम लागत में मोटी कमाई वाला बिजनेस तो आपके लिए ये शानदार मौका है. यहां आपको बता रहे हैं इस व्यवसाय के बारे में डिटेल में.
केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Minister of State for Chemicals and Fertilizers Mansukh Mandaviya) ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के परागपुर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र का उद्घाटन किया. इस खास अवसर पर राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (Pradhanmantri Bhartiya Janaushadhi Kendra) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है. गौरतलब है कि 11 जून, 2021 तक जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 7,836 हो गई है.
जनऔषधि केंद्र एक ऐसी स्कीम है जिसके तहत आम लोगों को कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती है. इसके जरिये केंद्र सरकार लोगों को सस्ती दरों पर दवाएं मुहैया कराती है. केंद्र सरकार इस स्कीम के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में 'प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र' खोलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है. सरकार मार्च 2024 तक 10,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है.
जनऔघधि केंद्र के बिजनेस में कमाई अच्छी होती है. इसे खोलने पर दवा की बिक्री पर 20 फीसदी मार्जिन दुकान चलाने वालों को दिया जाता है. इतना ही नहीं, इसमें नॉर्मल और स्पेशल इंसेंटिव का भी प्रावधान है. नॉर्मल इंसेंटिव के रूप में सरकार दवा की दुकरान खोलने में आने वाले खर्च को वापस लौटा देती है.
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए दुकान में फर्नीचर पर 1.5 लाख रुपए तक का खर्च आता है. वहीं, कंप्यूटर और फ्रिज में 50 हजार रुपए तक का खर्च आता है. इस रकम को मंथली बेसिस पर अधिकतम 15 हजार रुपए के रूप में तबतक वापस किया जाता है, जबतक कि 2 लाख रुपए की रकम पूरी न हो जाए. इस इंसेंटिव को मंथली परचेज का 15 फीसदी या 15000 में जो अधिक हो, के आधार पर दिया जाता है.
जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने तीन कैटेगरी बनाई है. पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, कोई डॉक्टर या पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोलने का पात्र होता है. वहीं, दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट अस्पताल, स्वयं सहायता समूह वाले आते हैं. और तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसियों को मौका मिलता है.
जन औषधि केंद्र आपको मुनाफे वाले बिजनेस (Janaushadhi Kendra Online Registration) का जबरदस्त मौका दे रहा है. इसमें आप कम लागत में अधिक कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहले 'रिटेल ड्रग सेल्स' का लाइसेंस जनऔषधि केंद्र के नाम से लेना होता है. इसके लिए आप अधिकृत वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आपको आवेदन ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम से भेजना होगा.
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